नई दिल्ली। रा (वोट) मांगण त्हाई तो भाजे-भाजे आंढैह सै, पर म्हारे समाणे (इलाका) ने गरकी (बाढ़) से बचाण त्हाई कुछ ना करते। ऐ काकी रोशनी क्यू बड़-बड़ा री सै। आज्या बेटी कौशिल्या, तने दिखता कोन्या कै, पूरा समाणा जेठ के महीने मै भी सामण बणा रैव सै। आज घूमण गई थी पाणी मै रिपट कै पड़गी। काकी तू कह तो सही रही है।
कई साल से पूरा इलाका पानी में डूबा हुआ है। एक महिला मतदाता सुमित्रा कहती है कि तुम कह तो सही रही हो। इलाके में जमा पानी को देखकर इस बार वोट डालने का मन नहीं कर रहा है।
लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने पर ग्रामीण महिलाएं भी अपनी समस्याओं की चर्चा और उनका समाधान करने की मांग करने लग गई। किराड़ी इलाके के मुबारकपुर में रविवार को महिलाओं की एक टोली की बातचीत का मुख्य केंद्र लोकसभा चुनाव व इलाके की प्रमुख समस्या चारों ओर जलजमाव दिखा। टोली में शामिल माया कहती है कि उनकी सुनवाई तभी होगी जब वे वोट मांगने के लिए आने वाले नेताओं का घेराव करेगी और चुनाव का बहिष्कार का कदम उठाएगी। उन्हें इस दिशा में पहल करते हुए घर-घर दस्तक देने का अभियान शुरू करना चाहिए।
उत्तर पश्चिम दिल्ली के किराड़ी, मुंडका, नांगलाई, बवाना विधानसभा क्षेत्र के अनेक इलाकों में कई साल से पूरे वर्ष बाढ़ जैसे हालात बने रहते है। इस कारण हजारों पेड़ सूख गए है और ग्रामीण अपने खेतों में कृषि कार्य नहीं कर पाए है। मानसून के दौरान बरसाती पानी गांवों व कालोनियों में घुस जाता है। इतना ही नहीं, भारी बारिश होने पर गलियों व सड़कों के साथ-साथ घर भी जलमग्न हो जाते है। दरअसल, उत्तर पश्चिमी दिल्ली का बड़ा हिस्सा दिल्ली देहात को अपने में समेटे हुए है। इस इलाके में काफी खाली इलाका है। इस इलाके में राेहिणी जैसी पॉश कालोनी के अलावा बड़ी संख्या में अनधिकृत कालोनी, कई जेजे कालोनी और गांव भी हैं। अधिकतर गांवों में कृषि कार्य होता है। इलाके में सिंचाई के लिए कई नहर है, जिसमें महीने में दो-तीन बार कई-कई दिन तक पानी आता है।
इंडिया गठबंधन व भाजपा में मुकाबला
दिल्ली के अन्य क्षेत्रों की तरह उत्तर-पश्चिम दिल्ली सीट पर भी भाजपा व इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों के बीच मुकाबला माना जा रहा है। भाजपा ने पिछले चुनाव में जीते हंसराज हंस की जगह प्रदेश भाजपा के महामंत्री व एमसीडी में बड़ पदों पर रहे योगेंद्र चंदोलिया को उम्मीदवार बनाया है। पिछले चुनाव में हंसराज हंस जीते थे और उनको वर्ष 2019 में मौजूदा उदित राज का टिकट काट मैदान में उतारा था। उधर, कांग्रेस ने पांच साल पहले भाजपा से आए उदित राज को अपना उम्मीदवार बनाया है। वर्ष 2019 टिकट न मिलने पर उदित राज ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। वर्ष 2014 में उदित राज ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए कांग्रेस उम्मीदवार व केंद्रीय मंत्री कृष्णा तीरथ को हराया था।
इस बार मैदान में उतरे उम्मीदवार
प्रदेश भाजपा में योगेंद्र चांदोलिया एमसीडी व उत्तरी दिल्ली नगर निगम में स्थायी समिति के अध्यक्ष रह चुके है। वे उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर भी निर्वाचित हुए थे। उनकी कार्यर्शली के मद्देनजर भाजपा ने उनको सांसद का टिकट दिया है। वह देवनगर वार्ड से वर्ष 2002, 2007 व 2012 में बार पार्षद चुने गए, जबकि उनको एक बलजीत नगर व दो बार करोल बाग विधानसभा चुनाव में हार का भी सामना करना पड़ा है।
नौकरशाह रहे उदित राज ने नौकरी छोड़कर इंडियन जस्टिट पार्टी बनाकर राजनीति शुरू की। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने अपनी पार्टी का भाजपा में विलय कर दिया। भाजपा ने उनको उत्तर पश्चिम दिल्ली से टिकट दिया और वह इस चुनाव में जीत गए। लेकिन पांच साल बाद भाजपा ने उनको टिकट नहीं दिया। इसके विरोध में वह भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए। इस चुनाव में कांग्रेस ने उनको उम्मीदवार बनाया है।
क्षेत्र का इतिहास
उत्तर पश्चिमी दिल्ली क्षेत्र वर्ष 2007 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आया था। दिल्ली के सातों लोकसभा क्षेत्रों में से इस क्षेत्र में अनुसूचित जाति की आबादी सबसे अधिक है। इस कारण इस क्षेत्र को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया है। दिल्ली में अनुसूचित जाति की आबादी के मद्देनजर दिल्ली में एक लोकसभा क्षेत्र को आरक्षित किया जा सकता है। इससे पहले अधिकतर क्षेत्र बाहरी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा था। इसमें शामिल नरेला क्षेत्र पहले पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा था।
प्रमुख समस्याएं
इलाके में बारिश का पानी जमा होने से हमेशा बाढ़ जैसे हालात बने रहना, गंदे पानी की निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं, सड़कें टूटीं, नाले-नालिया टूटे पड़े, अधिकतर इलाकों में सीवर सुविधा नहीं, मुख्य सड़कोंं पर अतिक्रमण रहता है, इलाके में कई स्थानों पर जाम की समस्या, सफाई व्यवस्था नियमित तौर पर नहीं होना, बस सेवा लचर, किराड़ी क्षेत्र के एक भी गांव व कालोनी में बस सेवा नहीं, पार्किग की समस्या आदि है।
कहां किनकी संख्या ज्यादा
नरेला, मुंडका व नांगलोई : जाट
बादली : यादव व पूर्वांचली
रिठाला व रोहिणी : वैश्य
बवाना : जाट व अनुसूचित जाति
किराड़ी : पूर्वांचली
सुल्तानपुर माजरा व मंगोलपुरी : अनुसूचित जाति