नई दिल्ली। अदालत ने आप के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को दिल्ली दंगों में साजिश का आरोप लगाने वाले यूएपीए मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया। कड़कड़डूमा अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बाजपेयी ने शनिवार को ताहिर हुसैन की जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि उसके कृत्य यूएपीए के तहत आतंकवाद अधिनियम की परिभाषा में आ सकते हैं।
अदालत ने कहा, यह मानने के लिए उचित आधार है कि हुसैन के खिलाफ आरोप प्रथमदृष्टया सच है।
कोर्ट ने कहा, जहां तक अभियोजन पक्ष द्वारा दर्शाई गई आवेदक की भूमिका का सवाल है, रिकॉर्ड से पता चलता है कि आवेदक ने साजिश में भाग लेते हुए न केवल दंगों की गतिविधियों को वित्त पोषित किया बल्कि अन्य गतिविधियों में भी भाग लिया जिसके कारण दंगे हुए। इसके अलावा गवाहों ने यह दिखाने के लिए ताहिर हुसैन के खिलाफ बयान दिए कि वह कैसे प्रदर्शनकारियों को भड़का रहा था और प्रदर्शनकारियों को अपने घर की छत पर इकट्ठा कर रहा था और खुद जनता पर पेट्रोल बम आदि फेंकने में शामिल था।
मामले में ताहिर हुसैन, उमर खालिद, खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा, शिफा-उर-रहमान, आसिफ इकबाल तन्हा, शादाब अहमद, तस्लीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद। सलीम खान, अतहर खान, सफूरा जरगर, शरजील इमाम, फैजान खान और नताशा नरवाल आरोपी हैं।