नई दिल्ली । हाईकोर्ट ने भाजपा के सभी सातों विधायकों का निलंबन रद्द कर दिया। अदालत ने कहा कि विधायकों को नियमों से अधिक सजा दी गई। बजट सत्र के दौरान उपराज्यपाल वीके सक्सेना के अभिभाषण को बाधित करने के आरोप में दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने विधायकों को निलंबित किया था।
इस फैसले को विधायकों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने फैसले में कहा, विधानसभा अध्यक्ष की ओर से विधायकों को दी गई सजा कानूनी प्रक्रिया के अनुरूप नहीं थी। मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजने में उन्होंने स्वतंत्र रूप से कोई निर्णय नहीं किया। अदालत ने कहा, विशेषाधिकार समिति की ओर से निर्णय लेने तक निलंबन की सजा देते समय याचिकाकर्ताओं को नहीं सुना गया।
अध्यक्ष के स्वतंत्र निर्णय के बिना सदन की ओर से मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजने का निर्णय तय प्रक्रिया का उल्लंघन है। कोर्ट ने कहा, चूंकि याचिकाकर्ता पहले ही 14 बैठकों के निलंबन का सामना कर चुके हैं, इसलिए उन्हें तुरंत सदन में फिर से शामिल होने की अनुमति दी जानी चाहिए।
ये सात विधायक हुए थे निलंबित
विजेंद्र गुप्ता, अजय कुमार महावर, अनिल कुमार बाजपेयी, ओम प्रकाश शर्मा, जितेंद्र महाजन, मोहन सिंह बिष्ट और अभय वर्मा। विधायकों ने निलंबन के खिलाफ पिछले महीने हाईकोर्ट में अपील की थी। 70 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के आठ विधायक हैं।