नई दिल्ली । बिहार के मुंगेर के शामपुर थाना क्षेत्र के मंझगांय गांव के एक ही परिवार के चार सदस्यों की दिल्ली में दम घुटने के कारण मौत हो गई। बताया जा रहा है कि दिल्ली के अलीपुर थाना के खेड़ाकलां में शनिवार की देर रात एक घर में कोयले की अंगीठी से निकलने वाले धुएं से दम घुटने के कारण घटना घटित हुई है।
मंझगांय गांव के राकेश उर्फ दीनानाथ उर्फ दिनकर (40), पत्नी ललिता देवी (38), बेटे पीयूष (08) और सनी (07) की मौत हो गई। मृतक दीनानाथ उर्फ दिनकर परिवार का एक मात्र कमाऊ सदस्य था।
दिल्ली में ही किया गया दाह संस्कार
मृतक के चचेरे भाई रामगुलाम सिंह ने बताया कि ठंड की वजह से कमरे में कोयले की अंगीठी जलाकर पूरा परिवार सो गया था। उसके बाद अंगीठी से निकलने वाले धुएं की वजह से दम घुटने से कमरे में सो रहे चारों लोगों की मौत हो गई। रविवार की सुबह इस घटना की खबर मिली, उसके बाद से परिवार में मातम पसर गया है। गांव के लोग एक ही दिन परिवार के चार सदस्यों की मौत से गमगीन हैं। पोस्टमार्टम के बाद सोमवार को चारों का दाह संस्कार दिल्ली में ही रह रहे अन्य परिजनों ने करवाया।
उन्होंने बताया कि मृतक दीनानाथ दिल्ली में वाहन चलाकर परिवार का भरण-पोषण करता था। साथ ही मंझगांय स्थित घर पर रह रही बुजुर्ग मां और भाई झाबो सिंह की देखभाल करता था।
'कुछ दिन पहले ही आया था गांव'
वहीं, दीनानाथ की मां सावित्री देवी ने रोते-रोते बताया कि बेटा कुछ दिन पहले ही नाती की शादी में आया था और दूसरे दिन ही दिल्ली चला गया। उन्होंने जिस रात घटना हुई उस रात बेटा ने मुझे तीन बजे सुबह फोन किया और बोलते-बोलते ही फोन कट गया। मेरा बेटा बहुत बेचैन था और उसने बताया था कि सब सो गया है और कहते-कहते ही बेटा भी मर गया। यह बात बताते हुए मृतक की मां सावित्री देवी बेसुध हो गईं।
घटना से पूरा गांव हुआ गमगीन
इधर, ग्रामीण अविनाश सिंह ने बताया कि गांव वालों के लिए ये घटना बेहद दुखद है। पूरा गांव इस घटना को सुनने के बाद गमगीन है। अगर गांव में ही रोजगार रहता तो कम से कम बुजुर्ग मां और नेत्रहीन भाई परिवार उसके अंतिम दर्शन और संस्कार भी कर पाते। इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण और क्या होगा जो एक बुजुर्ग मां अपने बेटे, बहु और पोते के अंतिम दर्शन तक नहीं कर पाए।