नई दिल्ली। पर्यावरण व वन्यजीव प्रेमी अब एक दिन और एक सप्ताह के लिए राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में रहने वाले वन्यजीवों को गोद ले सकते हैं। इसमें शेर से लेकर नन्हें पक्षियों के खान-पान व रख-रखाव का खर्च उठाना होगा। इच्छुक लोग अपने जन्मदिन या शादी की सालगिरह जैसे अवसर पर जानवरों को गोद ले सकते हैं। वन्यजीवों के प्रति लोगों को संवेदनशील बनाने के लिए चिड़ियाघर प्रबंधन इसकी तैयारी कर रहा है।
अभी वन्यजीवों को गोद लेने की दरें तय नहीं हुई हैं। सॉफ्टवेयर को अनुकूल बनाने के बाद लोगों को इस सुविधा का लाभ मिल सकेगा।
इस योजना के अन्तर्गत तयशुदा राशि का भुगतान करके चिड़ियाघर के वन्यजीवों को अंगीकृत किया जा सकता है। इसके मद्देनजर अधिकाधिक लोगों को वन्यजीवों से जोड़ने के लिए अंगीकरण की नई अर्द्धवार्षिक, त्रैमासिक, मासिक और साप्ताहिक अनुदान कर सकते हैं। गोद लेने वाले के बारे में आमजन को जानकारी देने के लिए उनका नाम प्राणी उद्यान में संबंधित बाड़ों और उद्यान की वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाने की भी योजना है। साथ ही, उनके परिवार का परिसर में प्रवेश निशुल्क रहेगा। उन्हें चिड़ियाघर के कई कार्यक्रमों से भी जोड़ा जाएगा। हालांकि, अभी कम से कम एक वर्ष की अवधि के लिए एक पशु या पक्षी को गोद लेने का प्रावधान है।
बाघ जैसे बड़े मांसाहारी और हाथी, गैंडे जैसे जानवरों के मामले में गोद लेने की फीस लाखों रुपये में है। आर्थिक स्थिति गोद लेने की राह में आड़े आ रही है। कई लोग चाहकर भी वन्यजीवों को गोद नहीं ले पाते हैं। ऐसे लोगों के हितों का ध्यान में रखते हुए चिड़ियाघर प्रबंधन ने गोद लेने के नियम को और आसान कर रहा है। वैसे, इस पहल को लेकर लोगों की दिलचस्पी देखने को मिल रही है। वन्यजीवों को गोद लेने के लिए बड़ी संख्या में आवेदन आए हैं।
वन्यजीव प्रेमियों में उत्साह
करोल बाग में रहने वाले एक वन्यजीव प्रेमी विवेक पांडेय कहते हैं कि एक दिन और एक सप्ताह के लिए वन्यजीवों को गोद लेने की पहल अच्छी है।गांवों में तो लोग वन्य जीवों से जुड़े ही रहते हैं। यह पहली बार है जब दिल्ली के लोग भी वन्य जीवों को अपना कह सकेंगे और उनकी देखभाल कर सकेंगे। इससे वन्यजीवों के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ेगी। उन्होंने पहले एक चिड़िया गोद ली थी। अब सप्ताह का प्लान होगा तो अलग-अलग सप्ताह वन्यजीवों को गोद लेंगे।
एक दिन, एक सप्ताह व एक महीने की पहल को लेकर कार्य किया जा रहा है। इसका उद्देश्य लोगों को वन्यजीवों के प्रति संरक्षण व जागरूक बनाना है। न्यूनतम कीमत देकर वन्यजीवों को एक दिन के लिए भी गोद लिया जा सकता है।