नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच वार्ता के बाद दोनों देशों ने एक महत्वाकांक्षी रक्षा औद्योगिक रोडमैप पर मुहर लगा दी। इसके तहत दोनों देशों ने विभिन्न रक्षा उपकरणों के साझा विकास और निर्माण पर सहमति जताई है।
वहीं, एयरबस एसई और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लि. के बीच भी एक सौदा हुआ है, जिसके तहत एच-125 हेलिकॉप्टर को संयुक्त रूप से निर्मित किया जाएगा।
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने जयपुर में मोदी-मैक्रों वार्ता के बाद इसके नतीजों की घोषणा करते हुए बताया कि 18 से 35 वर्ष आयु वर्ग के पेशेवरों को एक-दूसरे के देशों में भेजने की योजना और स्नातकोत्तर की उपाधि हासिल कर चुके भारतीय छात्रों के लिए पांच साल की वैधता के साथ शेंगेन वीजा जारी करने पर भी सहमति बनी। फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने यह एलान भी किया कि 2030 तक 30 हजार भारतीय छात्र फ्रांस में पढ़ाई कर सकेंगे। मैक्रों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह बहुत ही महत्वाकांक्षी लक्ष्य है, लेकिन वह इसे पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उपग्रहों को लॉन्च करने पर सहमति
न्यू स्पेस इंडिया लि. (एनएसआईएल) और एरियनस्पेस के बीच उपग्रहों को लॉन्च करने पर सहमति बनी है। वहीं, टाटा के साथ सौदे के तहत एयरबस फाइनल एसेंबली लाइन के जरिये सिविल रेंज के एयरबस एच-125 हेलिकॉप्टर का विनिर्माण करेगी। इसका उत्पादन भारत और कुछ पड़ोसी देशों को निर्यात के लिए किया जाएगा।
सहयोग बढ़ाने के लिए बनाएंगे सप्लाई चेन
क्वात्रा ने कहा, दोनों देश रक्षा उद्योग में सहयोग बढ़ाने के अवसरों की पहचान करने को प्राथमिकता देंगे। इसके तहत मिलकर डिजाइन करने के अलावा विकास और उत्पादन के लिए दोनों देशों के बीच सप्लाई चेन बनाई जाएगी, ताकि आपसी रक्षा संबंधी जरूरतें पूरी करने के अलावा वैसे ही उत्पादों को इस्तेमाल करने वाले दूसरे देशों के साथ सुरक्षा सहयोग बढ़ाने में भी मदद मिल सके।
राफेल और स्कॉर्पीन पर बातचीत जारी
भारत के फ्रांस से नौसेना संस्करण वाले 26 राफेल लड़ाकू विमान तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की खरीदने पर दोनों पक्षों की तरफ से कोई घोषणा नहीं की गई। बताया जा रहा है कि अभी इसकी कीमतों पर बातचीत जारी है। क्वात्रा ने बताया कि दोनों पक्षों ने असैन्य-परमाणु ऊर्जा सहयोग आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया और छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों पर भी सकारात्मक बातचीत हुई।
नौ समझौतों पर हस्ताक्षर
मोदी-मैक्रों मुलाकात के बाद जारी संयुक्त बयान के मुताबिक, दोनों देशों के बीच नौ समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। क्वात्रा ने बताया कि रक्षा रोडमैप वायु, अंतरिक्ष, समुद्री क्षेत्रों पर जागरूकता, भूमि युद्ध, रोबोटिक्स, साइबर रक्षा, कृत्रिम मेधा के साथ-साथ स्वचालित वाहनों और प्लेटफार्म के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी सहयोग प्रदान करेगा।
दोनों पक्षों ने स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान के क्षेत्रों में भागीदारी बढ़ाने के लिए समझौते भी किए। वहीं, एफिल टॉवर पर भारत के एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) के संचालन की भी घोषणा की। दोनों नेताओं ने पश्चिम एशिया में संघर्ष गहराने की आशंका पर गंभीर चिंता व्यक्त की, जो पहले से ही आर्थिक स्तर पर प्रतिकूल असर डाल रही है। इसके अलावा लाल सागर में स्थिति और इससे उत्पन्न होने वाली चुनौतियों पर भी चर्चा की।
किसी भी रूप में आतंकवाद स्वीकार्य नहीं
मोदी और मैक्रों ने सीमा पार से आतंकवाद सहित इसके सभी रूपों की स्पष्ट निंदा की और वैश्विक खतरे के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होने के संकल्प को दोहराया। दोनों नेता इस पर भी सहमत हुए कि किसी भी देश को आतंकवादी कृत्यों को वित्तपोषित करने, योजना बनाने, समर्थन देने या करने वालों को सुरक्षित पनाहगाह नहीं देनी चाहिए। क्वात्रा के मुताबिक, बैठक के दौरान इस पर भी सहमति बनी है कि वर्ष 2026 को भारत-फ्रांस नवाचार वर्ष के रूप में मनाया जाएगा।