नई दिल्ली। भारत ने बीते दस वर्षों में हर क्षेत्र में आमूलचूल बदलाव किए हैं। आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में भी देश ने अपनी ठोस नीति के आधार पर परिवर्तन किया है। इन दस वर्षों में हम एक मजबूत आंतरिक सुरक्षा नेटवर्क बनाने में सफल रहे हैं। यह बात केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को एक कार्यक्रम में कहीं।
उन्होंने कहा, पिछली सरकारों की तुष्टिकरण की नीतियों ने बहुत दिक्कतें पैदा कीं। आंतरिक सुरक्षा के मामले में भारत के तीन प्रमुख मुद्दे हैं- जम्मू-कश्मीर, नक्सलवाद और पूर्वोत्तर। यह देश के विकास को रोक रहा था। 2014 के बाद हमने कतई बर्दाश्त न करने की नीति अपनाई। हमने उस पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचाया, जो देश में आतंकवाद का समर्थन कर रहा था।
गृहमंत्री ने आगे कहा, अगर मैं (पीएम) मोदी के दस साल के कार्यकाल और यूपीए के दस साल की तुलना करूं तो आतंकवाद के मामले 72 फीसदी कम हुए हैं। जम्मू-कश्मीर में हमने एक भी गोली का इस्तेमाल किए बिना अनुच्छेद 370 खत्म कर दिया। (कश्मीर में) बीते तीस वर्षों में कोई सिनेमाघर ने नहीं खोला गया। कोई उच्च शिक्षा संस्थान नहीं खोला गया। लोग मुहर्रम का जुलूस नहीं निकाल सके। तीनों अब संभव हो गए हैं। भारतीय संविधान के सौ से ज्यादा कानून अब जम्मू-कश्मीर में लागू किए गए हैं।
उन्होंने आगे कहा, ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) ने विदेश नीति सर्वेक्षण 2023 जारी किया है। शहरी युवाओं को जिस प्रकार की स्वीकृति मिली है, वह बताती है कि विदेश नीति जैसे जटिल मुद्दे को भारत सरकार ने आम आदमी के बीच कितनी सफलता से पहुंचाया है। 86 फीसदी लोगों ने भारत की विदेश नीति की सराहना की है। जी-20 शिखर सम्मेनल की सफलता और दिल्ली घोषणा को सर्वसम्मति से दुनिया द्वारा स्वीकार किए जाने से भारत की छवि में सुधार हुआ है। जो कूटनीतिक सफलता का संकेत देता है। हमारे आदर्श वाक्य वसुधैव कुटु्म्बकम को दुनिया तक पहुंचाया गया।
भारत की सीमा और लोगों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं: शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार सभी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध चाहती है, लेकिन वह भारत की सीमा सुरक्षा और अपने लोगों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगी। शाह ने यह भी कहा कि अपने दस साल के शासन में मोदी सरकार ने तीन आंतरिक सुरक्षा हॉटस्पॉट - 'जम्मू और कश्मीर, पूर्वोत्तर और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों' से सफलतापूर्वक निपटा है। शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने दस साल में आंतरिक सुरक्षा का मजूबत तंत्र बनाया है।
बंटे हुए विश्व में जी-20 दिल्ली घोषणापत्र बड़ी कूटनीतिक सफलता
शाह ने कहा कि जी-20 के सफल आयोजन और सर्वसम्मति से पारित दिल्ली घोषणापत्र ने भारत की छवि को विश्व के सामने कूटनीतिक सफलता की दृष्टि से सामने रखा है। जी-20 सम्मेलन ने हमारे वसुधैव कुटुंबकम के मूल मंत्र को पूरी दुनिया में पहुंचाने में सफलता प्राप्त की है। ये जी-20 सम्मेलन भारत की सांस्कृतिक विरासत और समृद्धि का एंबेसेडर बनकर पूरे विश्व में भारत का परिचायक बना है।
यूपीआई बना डिजिटल भारत की पहचान, कई देशों ने इसे स्वीकारा
शाह ने कहा, आज यूपीआई डिजिटल भारत की पहचान है और कई देशों ने इसे स्वीकारा है। उन्होंने कहा, पिछले 10 साल में पीएम मोदी के प्रयासों से भारत को राजनीतिक स्थिरता, भ्रष्टाचारमुक्त शासन, जनकल्याण, निवेश अनुकूल एजेंडा और शांतिपूर्ण माहौल स्थापित करने में बहुत बड़ी सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि 7.6 प्रतिशत की विकास दर के साथ आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बना है।
जम्मू-कश्मीर में पथराव की घटना 2600 के मुकाबले अब शून्य
गृह मंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि मोदी सरकार के सत्ता में आने से पहले जम्मू-कश्मीर में 2,600 से अधिक संगठित पथराव की घटनाएं हुईं और इन घटनाओं के कारण 110 से अधिक लोगों की जान चली गईं और 6,000 से अधिक लोग घायल हो गए। उन्होंने कहा, अब जम्मू-कश्मीर में पथराव की एक भी घटना नहीं है। शून्य पथराव है।