नई दिल्ली। देश में जालसाज भी हाईटेक होते जा रहे हैं। जालसाज ठगी के पैसे को विदेशी आईपी एड्रेस का इस्तेमाल कर देश से बाहर भेज रहे हैं। दक्षिण जिले की साबइर थाना पुलिस ने एक ऐसे ही गिरोह का पर्दाफाश कर तीन जालसाज विकास यादव, अर्जुनलाल यादव और अंकित यादव को गिरफ्तार किया है।
इन जालसाजों के एक बैंक खाते से मात्र 18 दिन में 3.95 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है। जालसाजों ने आरबीएल बैंक खाते में ऑनलाइन बैंकिंग की है, उन इंटरनेट का आईपी एड्रेस सिंगापुर, चीन व हांगकांग आ रहा है। दिल्ली पुलिस ने इन आईपी एड्रेस की डिटेल देने के लिए इन देशों को पत्र लिखा है।
दक्षिण जिला पुलिस अधिकारियों के अनुसार, संगम विहार निवासी विनित सक्सेना (51) ने साइबर थाना प्रभारी अरुण कुमार वर्मा को शिकायत दी थी कि टास्क पूरा करने के नाम पर उससे करीब एक लाख रुपये ठग लिए गए हैं।
उन्होंने अपनी शिकायत में कहा था कि उसने घर बैठे पांच से छह हजार कमाए। उनसे 2 हजार रुपये इन्वेस्ट कराए तो उसे 2800 रुपये दे दिए। इसके बाद कहा गया कि टास्क को रिपेयर कराने के लिए एक लाख रुपये जमा कराने होंगे। विनित ने एक लाख रुपये जमा करा दिए, इसके बाद ठगे जाने का एहसास हुआ। मामला दर्जकर इंस्पेक्टर अरुण कुमार वर्मा की देखरेख में इंस्पेक्टर हंसाराम, हवलदार रामवीर, संदीप और विकास की टीम ने जांच शुरू की।
हवलदार रामवीर को जांच में पता लगा कि ठगी की रकम जयपुर के एक बैंक खाते में 50 हजार, दिल्ली के एक बैंक खाते में पांच हजार और गौतमी नगर, लखनऊ के एक बैंक खाते में 50 हजार गए हैं। इसके बाद पुलिस ने विकास यादव, अर्जुनलाल यादव और अंकित यादव को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस को जांच में पता लगा कि जयपुर वाले विकास यादव के बैंक खाते में मात्र 18 दिन में 3.95 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है। पुलिस को जांच में पता लगा कि विकास यादव ठगी की रकम को आगे अर्जुनलाल व अंकित यादव को देता था। ये दोनों एक व्यक्ति को देते थे। इस व्यक्ति का जो मोबाइल नंबर है वह फिलीपींस का है।
बाइनेंस में जाकर पैसा गायब हो जाता था
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, ठगी की ये रकम आगे क्रिप्टो करेंसी के चीनी एक्सचेंज बाइनेंस में जाकर गायब हो जाती थी। यानि यहां पर ये पैसा यूएसडीटी में बदल जाता था।जानकारों का कहना है कि एक यूएसडीटी की कीमत एक अमेरिकी डॉलर के बराबर होती है।