वक्फ। संशोधन विधेयक को 14 बदलावों के साथ कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। अब सरकार इस बिल को बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन ही संसद में पेश करने की तैयारी कर रही है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के साथ वक्फ संशोधन विधेयक को संसद में पेश करने का रास्ता साफ हो गया है। सरकार इसे बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले ही दिन पेश करने की तैयारी में है। बजट सत्र का दूसरा चरण 10 मार्च से 4 अप्रैल तक चलेगा। संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने मूल विधेयक के प्रावधानों में 14 अहम बदलाव सुझाए थे। कैबिनेट ने इन पर मुहर लगा दी है।
जेपीसी ने जो बदलाव सुझाए, वे सभी एनडीए सदस्यों के
सूत्रों के मुताबिक, विधेयक को 19 फरवरी को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई। हालांकि, इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई थी। जेपीसी ने जो बदलाव सुझाए, वे सभी एनडीए सदस्यों के थे। समिति ने मसौदा रिपोर्ट को मंजूरी देने के बाद 30 जनवरी को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंप दिया था।
विपक्ष की आपत्ति
वक्फ संशोधन विधेयक पर विपक्षी दलों ने न केवल जेपीसी की सभी बैठकों, बल्कि रिपोर्ट संसद में पेश किए जाने के दौरान भी हंगामा किया था। विपक्ष ने अपने सुझावों को रिपोर्ट का हिस्सा नहीं बनाने का आरोप लगाया था।
संपत्ति विवादों पर कर सकेंगे अपील
मूल विधेयक के प्रावधानों से इतर जेपीसी ने जो संशोधन किए हैं, उससे वक्फ संपत्ति विवाद मामलों में शिकायतकर्ता को वक्फ ट्रिब्यूनल के साथ ही राजस्व अदालत, सिविल कोर्ट और हाईकोर्ट में अपील करने का अधिकार मिलेगा। इसके अलावा शिकायतकर्ता या पीड़ित को ट्रिब्यूलन के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करने का भी अधिकार होगा। संशोधन विधेयक में वक्फ बोर्ड में दो महिलाओं की अनिवार्य नियुक्ति के अलावा दो गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने का प्रावधान किया गया है।