नई दिल्ली । पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से उत्तर भारत में वर्षा, बर्फबारी और कोहरा पड़ सकता है। पाकिस्तान और उत्तरी भारत में इसके आगमन पर हिमपात के साथ घने बादल भी छा सकते हैं। पश्चिमी विक्षोभ, भूमध्य सागर के साथ अटलांटिक महासागर और कुछ हद तक कैस्पियन सागर से नमी लाता है। यह एक गैर मानसूनी वर्षा पैटर्न है और पश्चिमी हवाओं द्वारा संचालित है।
यह मध्य अक्षांश क्षेत्र में विकसित हो रहा है।
मौसम विभाग के अनुसार पूर्वोत्तर, मध्य, पश्चिम और उत्तर-पश्चिम भारत में इस सप्ताह भी मौसम शुष्क बने रहने का अनुमान है। देश के इन हिस्सों में बारिश होने की कोई संभावना नहीं है। दिन में तेज धूप के कारण पश्चिम राजस्थान के कुछ इलाकों में तापमान 38 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज किया गया। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उसके आस-पास के हिस्सों में भी मौसम शुष्क बना हुआ है। भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप में दक्षिण केरल तट से दूर दक्षिण-पूर्व अरब सागर के निचले स्तरों पर एक चक्रवाती प्रसार बना हुआ है। इसके कारण अगले दो से तीन दिनों के दौरान तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, केरल और माहे तथा लक्षद्वीप के कुछ हिस्सों में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश तथा बिजली गिरने की भी आशंका जताई गई है।
देश के कुछ हिस्सों में चक्रवाती तूफान ‘दाना’ के कारण भारी बारिश हुई। तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल तथा ओडिशा के अलग-अलग हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश हुई। यहां 120 मिमी तक बारिश रिकॉर्ड की गई। चक्रवाती प्रसार के कारण केरल के तटीय क्षेत्रों तथा लक्षद्वीप के इलाकों में 35 से 45 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 55 किमी प्रति घंटे की गति तक पहुंचने की आशंका जताई गई है। मौसम विभाग ने मछुआरों को इन इलाकों में न जाने की सलाह दी है।
चोटियों पर हिमपात से बढ़ेगी सर्दी
मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून की ओर से जारी पूर्वानुमान में कहा गया है कि पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने पर मौसम बदल सकता है। पिछले कुछ दिनों से उत्तराखंड के पहाड़ी हिस्सों का मौसम सर्द बना हुआ है। बागेश्वर, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ जैसे पर्वतीय जिलों की ऊंची चोटियों पर बारिश और बर्फबारी के बाद ठंडक बढ़ गई है। दिवाली के बाद से उत्तराखंड में सर्दी का प्रकोप बढ़ने लगेगा।