नई दिल्ली। आपातकालीन विभाग में तैनात डॉक्टरों की माने तो शनिवार के कारण रात में मरीज की संख्या कम थी, अचानक रेलवे स्टेशन से हाई अलर्ट का मैसेज आया। उसके बाद स्पेशल व्यवस्था करनी पड़ी।
घर से सोच कर निकले थे कि गंगा जी जाएंगे, तीर्थ करेंगे। लेकिन यह नहीं सोचा था कि ऐसा हो जाएगा। अब मां नहीं मिल रही। कोई कुछ कह रहा रहा है, कोई कुछ। यह दर्द है बिहार के रहने वाले पप्पू गुप्ता का। लोकनायक अस्पताल में अपनी मां की तलाश में पहुंचे पप्पू बताते हैं कि उनकी मां को लोकनायक अस्पताल में लाया गया है, लेकिन अब पुलिस अंदर ही नहीं जाने दे रही। गेट के बाहर ही परेशान हो रहे हैं। उनके जैसे कुछ और लोग भी हैं जो अस्पताल के बाहर गेट नंबर 4 के पास खड़े होकर जानकारी तलाश करने का प्रयास कर रहे हैं।
कुछ लोगों को सीधा मुर्दाघर में ले गए
गेट के पास खड़े कुछ लोगों ने बताया कि रात 10 बजे के बाद अचानक काफी सारी एंबुलेंस लगातार एक के बाद एक यहां आई गईं। पहले लगा कि पुलिस की गाड़ियां आ रही होंगी, लेकिन जिस तेजी से एंबुलेंस आई उसको देखकर हर कोई डर गया। अचानक इमरजेंसी के पास खड़े मरीजों को हटा दिया गया। सभी डॉक्टर अलर्ट हो गए, काफी सारे नर्सिंग स्टाफ स्टेचर लेकर गेट के पास पहुंच गए। कोई कुछ समझ पाता कि अचानक एक के बाद एक काफी मरीज अस्पताल में आते चले गए। कुछ लोगों को सीधा मोर्चरी ले गए तो कुछ को आपातकालीन विभाग में। वहीं आपातकालीन विभाग में तैनात डॉक्टरों की माने तो शनिवार के कारण रात में मरीज की संख्या कम थी, अचानक रेलवे स्टेशन से हाई अलर्ट का मैसेज आया। उसके बाद स्पेशल व्यवस्था करनी पड़ी। सूचना में बड़े स्तर पर घायलों की संख्या बताई गई थी। देर रात तक 10 से अधिक मरीजों को यहां लाया गया। घायलों का इलाज चल रहा है।
अस्पताल के बाहर हुई बैरिकेडिंग
घटना के तुरंत बाद अस्पताल के बाहर पुलिस ने बैरिकेडिंग कर दी ताकि लोग आसपास ना पहुंच सके। लोगों का कहना है की घटना के बारे में जानकारी सुनकर काफी लोग अस्पताल के बाहर पहुंच रहे थे।
टिकट वेडिंग विंडो पर नहीं थी भीड़, ऐसे में विशेष ट्रेनें का नहीं किया गया प्रबंध
रेलवे बोर्ड के सूचना एवं प्रचार विभाग के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार का कहना है कि आम तौर पर टिकट विंडो पर भीड़ को देख कर विशेष ट्रेनें का संचालन किया जाता है। शनिवार को अधिक भीड़ को लेकर कोई इनपुट नहीं था और न ही टिकट विंडो पर भीड़ थी। ऐसे में विशेष ट्रेनों की व्यवस्था नहीं की गई। बाद में भीड़ बढ़ी तब अतिरिक्त ट्रेन चलाई गईं।
अपेक्षाकृत बहुत अधिक थी यात्रियों की संख्या
उन्होंने बताया कि यात्रियों की संख्या अपेक्षाकृत बहुत अधिक थी, इसलिए चार और विशेष ट्रेनें चलाईं। सूचना मिली कि कुछ लोग बेहोश हो गए हैं - उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कुछ समय के लिए रेलवे स्टेशन पर प्रवेश रोका गया था, लेकिन अब स्थिति नियंत्रण में है। मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति बनाई गई है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, और यात्रियों को विशेष ट्रेन से भेज दिया गया है। रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों की आवाजाही अब सामान्य है।