उज्जैन । मकर संक्रांति पर उज्जैन में सुबह से शिप्रा नदी के तट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। सुबह चार बजे से ही पवित्र स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी थी। प्रशासन की तरफ से भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। उज्जैन सहित पूरे प्रदेश से श्रद्धालु मकर संक्रांति पर स्नान के लिए यहां आते हैं।
ऐसी मान्यता है कि शिप्रा में स्नान से पुण्य मिलता है। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाया गया।
मकर संक्रांति पर बाबा महाकाल का शृंगार मावे और भांग से किया गया। सुबह चार बजे से ही श्रद्धालु शिप्रा नदी के तट पर पहुंचने लगे थे। सबसे ज्यादा भीड़ रामघाट पर थी। प्रशासन की कई टीमें ने यहां सुबह से तैनात थी। साथ ही यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। नदी में कहां तक जाकर स्नान करना है, इसे चिह्नित किया गया था। शिप्रा नदी को मोक्षदायिनी कहते हैं। स्नान के बाद लोग तट पर दान करते हैं। यहां आने वाले श्रद्धालु कहते हैं कि मकर संक्रांति पर शिप्रा नदी में स्नान का बहुत महत्व है।
सुरक्षा के यह रहे इंतजाम
मकर संक्रांति पर पर्व स्नान को लेकर होमगार्ड ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। 140 अधिकारी व जवानों के साथ 40 आपदा मित्रों को भी यहां तैनात किया गया था। इसके अलावा छह मोटर बोट और लाइफ जैकेट व लाइफ गार्ड के साथ रामघाट सहित सभी घाटों पर जवान मौजूद रहे। सबसे ज्यादा रामघाट पर 45 जवानों की डयूटी लगाई गई थी। होमगार्ड के डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट संतोष कुमार जाट ने बताया कि रामघाट पर स्नान के दौरान हादसा न हो इसके लिए 130 होमगार्ड जवान, 10 अधिकारी, 40 आपदा मित्रों की ड्यूटी लगाई गई है। जवान लगातार श्रद्धालुओं पर निगरानी रख रहे है। इनके साथ ही मां शिप्रा तेराक दल के सचिव संतोष सोलंकी और उनकी टीम के द्वारा भी घाट पर सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं।