शिमला । राजधानी शिमला के संजौली हेलीपोर्ट से अगले महीने उड़ानें शुरू हो जाएंगी। डीजीसीए (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) की टीम ने सोमवार को संजौली हेलीपोर्ट का निरीक्षण किया। हेलीपोर्ट की व्यवस्थाओं को लेकर टीम ने संतोष जताया है।
दिल्ली लौटने के बाद रिपोर्ट तैयार कर डीजीसीए पर्यटन विभाग को उड़ानें शुरू करने के लिए लाइसेंस जारी करेगी। मुख्यमंत्री का हेलिकॉप्टर भी अब संजौली हेलीपोर्ट से ही उड़ान भरेगा। हेलीपोर्ट के शुरू होने से शिमला में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। हेल्थ इमरजेंसी के दौरान इसी हेलीपोर्ट से रोगियों को पीजीआई चंडीगढ़ और एम्स के लिए एयरलिफ्ट किया जाएगा।
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 2022 में संजौली हेलीपोर्ट का उद्घाटन किया था। दो साल के इंतजार के बाद अब जाकर हेलीपोर्ट का संचालन शुरू हो पाएगा। हेलीपोर्ट के संचालन को लेकर डीजीएसए कई बार आपत्तियां लगा चुका है। सभी आपत्तियों को दूर करने के बाद अब हेलीपोर्ट के संचालन की मंजूरी मिलने की राह साफ हुई है। डीजीसीए ने हेलीपोर्ट के किनारों पर नेट लगाने और स्टॉफ की नियुक्ति सहित अन्य आपत्तियां लगाई थीं, जिन्हें अब दूर कर दिया गया है। पर्यटन विभाग ने इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के माध्यम से आउटसोर्स पर यहां स्टाफ तैनात कर दिया है। हेलीपोर्ट के निर्माण पर हिमालयन सर्किट स्वदेश दर्शन योजना के तहत 12.13 करोड़ और उड़ान दो योजना के तहत 6 करोड़ खर्च किए गए हैं। भारत सरकार की उड़ान-2 योजना के तहत हेलीपोर्ट से ही उड़ानें संचालित होंगी।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, जुब्बड़हट्टी जाने से छुटकारा
संजौली हेलीपोर्ट का संचालन शुरू होने से शिमला में पर्यटन कारोबार को बढ़ावा मिलेगा। हवाई मार्ग से आने वाला हाई एंड टूरिस्ट अब सीधे शिमला शहर पहुंचेगा। अब तक हवाई मार्ग से आने वाले सैलानियों को शहर से 30 किलोमीटर दूर जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट उतरना पड़ता है। यहां से टैक्सियों के जरिये शिमला पहुंचना पड़ता है। इसमें डेढ़ घंटे तक समय लग जाता है।
हेलीपोर्ट में उपलब्ध हैं ये सुविधाएं
रिसेप्शन काउंटर
हेलीपोर्ट मैनेजर ऑफिस
टिकट काउंट
वीआईपी लॉन्ज
50 गाड़ियों के लिए पार्किंग