नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की बैलेंस शीट (बही-खाते) का आकार बढ़कर पाकिस्तान की पूरी जीडीपी का करीब 2.5 गुना हो गया है। केंद्रीय बैंक की बैलेंस शीट का आकार मार्च, 2024 तक 11.08% बढ़कर 70.48 लाख करोड़ रुपये (करीब 845 अरब डॉलर) हो गया।
यह जीडीपी का 24.1% है, जो एक साल पहले 23.5% फीसदी था। वहीं, पाकिस्तान की पूरी जीडीपी का आकार सिर्फ 28.31 लाख करोड़ रुपये (340 अरब डॉलर) है। आरबीआई की बैलेंस शीट का आकार एक साल में 7,02,946.97 करोड़ बढ़ा है। मार्च, 2023 तक यह 63.45 लाख करोड़ था। बैलेंस शीट का आकार बढ़ने के कारण ही आरबीआई केंद्र को 2.11 लाख करोड़ का अब तक का सर्वाधिक लाभांश दे सका है।
जीडीपी @7% : इस साल भी सबसे तेज रहेगी रफ्तार
भारतीय जीडीपी की रफ्तार चालू वित्त वर्ष यानी 2024-25 में भी दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में सबसे तेज रहने की उम्मीद है। इस अवधि में जीडीपी की वृद्धि दर 7 फीसदी रह सकती है।
आरबीआई ने कहा, चुनौतियों के बावजूद जीडीपी ने 2023-24 में मजबूती से विस्तार किया। इससे अर्थव्यवस्था की वास्तविक वृद्धि दर बढ़कर 7.6% हो गई, जबकि 2022-23 में यह 7 फीसदी रही थी। जीडीपी की वृद्धि दर लगातार तीसरे वर्ष 7 फीसदी या उससे अधिक रहेगी। हालांकि, आर्थिक वृद्धि दर पर जोखिम भी बना रहेगा। लेकिन, बाह्य क्षेत्र की मजबूती और विदेशी मुद्रा भंडार घरेलू आर्थिक गतिविधियों को वैश्विक प्रभावों से बचाएंगे।
78,213 करोड़ : बिना दावे वाली जमा राशि 26% बढ़ी
बैंकों में बिना दावे वाली जमा राशि 31 मार्च, 2024 तक 26 फीसदी बढ़कर 78,213 करोड़ रुपये पहुंच गई। मार्च, 2023 के अंत तक बैंकों में 62,225 करोड़ रुपये जमा थे, जिनका कोई दावेदार नहीं था।
आरबीआई के नियमों के मुताबिक, सहकारी सहित सभी बैंकों में अगर किसी खाताधारक की 10 या अधिक वर्षों से खाते में पड़ी राशि पर कोई दावा नहीं किया गया अथवा खाते से किसी तरह का लेनदेन नहीं हुआ तो इस पैसे को बिना दावे वाली रकम मान लिया जाता है। इस रकम को आरबीआई के जमाकर्ता शिक्षा एवं जागरूकता (डीईए) कोष में स्थानांतरित कर दिया जाता है।
36,075 : बैंकों में धोखाधड़ी के 166 फीसदी बढ़ गए केस, पर रकम घटी
देश में बैंकों से जुड़े धोखाधड़ी के मामले एक साल में 165.96% बढ़े हैं। हालांकि, इसमें शामिल राशि में 46.7% की कमी आई है। 2023-24 में बैंक धोखाधड़ी के कुल 36,075 मामले दर्ज हुए थे। 2022-23 में यह आंकड़ा 13,564 था। इस अवधि में धोखाधड़ी की रकम 26,127 करोड़ से घटकर 13,930 करोड़ रुपये रह गई।
तीन वित्त वर्षों में निजी बैंकों में सबसे ज्यादा धोखाधड़ी की घटनाएं हुईं। जबकि रकम के मामले में सरकारी बैंक आगे हैं। निजी बैंकों में धोखाधड़ी के मामले 2022-23 के 8,979 से बढ़कर 2023-24 में 24,210 पहुंच गए। रकम 6,159 करोड़ से घटकर 3,170 करोड़ रह गई। सरकारी बैंकों में 7,472 मामलों में 10,507 करोड़ की धोखाधड़ी हुई। 2022-23 में यह आंकड़ा क्रमशः 3,392 और 18,750 करोड़ रुपये था। डिजिटल धोखाधड़ी भी 709 फीसदी बढ़ी है।