नई दिल्ली । राजधानी निवासियों को इस बार दिवाली, गोवर्धन पूजा और भैया दूज जैसे महत्वपूर्ण त्योहारों पर जल संकट का सामना करना पड़ेगा। राजधानी में पानी की समस्या का मुख्य कारण गंग नहर और यमुना नदी से जल आपूर्ति में कमी है। इस समय गंग नहर में सफाई का कार्य चल रहा है, इस कारण गंग नहर से जल आपूर्ति बंद कर दी गई है।
वहीं, यमुना नदी के पानी में अमोनिया की मात्रा सामान्य से कहीं अधिक हो गई है, जिससे जल शोधन संयंत्रों पर सीधा असर पड़ रहा है।
दिल्ली जल बोर्ड के वजीराबाद, चंद्रावल, सोनिया विहार और भगीरथी जल शोधक संयंत्र इस समय अपनी पूरी क्षमता के साथ कार्य नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि यमुना नदी के पानी में अमोनिया की अधिकता के कारण जल को शुद्ध करने में दिक्कतें आ रही हैं। यमुना में अमोनिया का स्तर 1 पीपीएम (पार्ट्स पर मिलियन) से अधिक हो गया है, जबकि जल शोधन के लिए इसकी सुरक्षित मात्रा 0.5 पीपीएम से कम होनी चाहिए। अमोनिया की अधिकता के चलते संयंत्रों में जल शोधन की प्रक्रिया धीमी हो जाती है, जिससे पानी की आपूर्ति कम हो गई है।
दिल्ली जल बोर्ड ने लोगों को सलाह दी है कि वे पानी का विवेकपूर्ण उपयोग करें और किसी भी प्रकार की बर्बादी से बचें। दिल्ली में पानी की आपूर्ति मुख्य रूप से गंग नहर, यमुना नदी और भूजल स्रोतों से होती है। हालांकि, गंग नहर में सफाई कार्य के कारण वहां से जल आपूर्ति फिलहाल बंद है। ऐसे में यमुना नदी से मिलने वाले पानी पर निर्भरता बढ़ गई है, लेकिन अमोनिया की अधिकता ने इस पानी को शोधन में बाधा उत्पन्न की है।
जल संकट के कारण कई इलाकों में पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई है। जल बोर्ड के अधिकारियों ने पानी के टैंकरों की व्यवस्था की है ताकि संकट के दौरान लोगों को कुछ राहत मिल सके। हालांकि, त्योहारों के समय पानी की मांग अधिक होती है, ऐसे में जल संकट को लेकर जनता में चिंता बढ़ रही है। अधिकारियों ने बताया कि गंग नहर में सफाई का कार्य दिवाली के बाद पूरा होने की उम्मीद है, जिससे जल आपूर्ति में सुधार हो सकता है।
गंग नहर से जल बोर्ड के सोनिया विहार व भगीरथी जल शोधक संयंत्र को कच्चा पानी उपलब्ध होता है। अब गंग नहर बंद होने के कारण इन दोनों संयंत्रों को यमुना नदी से जोड़ा गया है। मगर यमुना नदी के पानी में अमोनिया की मात्रा बढ़ने के कारण इन दोनों संयंत्रों के साथ-साथ उससे जुड़े वजीराबाद व चंद्रावल संयंत्र में भी पानी का उत्पादन गिर गया है। लिहाजा करीब 40 प्रतिशत इलाकों में पेयजल आपूर्ति प्रभावित हो रही है।