नई दिल्ली। राजेंद्र नगर हादसे के बाद सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट की तल्ख टिप्पणियों के बीच दिल्ली पुलिस ने छात्रों का रुख किया है। छात्रों का दुख-दर्द बांटने पुलिसकर्मी उनके बीच पहुंच रहे हैं। दोस्ताना माहौल में छात्रों से बातचीत हो रही है। इसके लिए पुलिस स्टेशनों में पांच-पांच पुलिसकर्मियों की टीम बनाई गई है।
अब तक हुई बातचीत से पता चला है कि जिन इलाकों में बच्चे रहते हैं, वहां की पूरी अर्थव्यवस्था नकदी पर चल रही है। इसका कोई हिसाब-किताब नहीं है। छात्रों से छोटी से छोटी चीज का भी पैसा वसूला जाता है।
पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा के ओएसडी पुलिस उपायुक्त मनीषी चंद्रा ने बताया कि दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दूसरे राज्यों से आकर दिल्ली में पढ़ाई व सिविल सेवाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के पास जाकर उनकी समस्याएं जानने और उनका हल निकालने को कहा था। इसके बाद पुलिस आयुक्त के ओर से ऑर्डर जारी किया गया। ऑर्डर के तहत राजेंद्र नगर, पटेल नगर, करोलबाग, प्रसाद नगर, मोती नगर और सराय रोहिल्ला आदि पुलिस स्टेशनों में 5-5 पुलिसकर्मियों की टीम बनाई गई हैं।
2 दिन में 2200 छात्रों से रूबरू हुई पुलिस
पुलिसकर्मी इन पुलिस स्टेशनों के क्षेत्र पीजी, गेस्ट हाउस, होटल व मकानों पर किराए पर रहने वाले हर छात्र के पास जाकर उनसे उनकी समस्याओं पर बात कर रहे हैं। बातचीत दोस्ताना माहौल में होती है। शिकायत होने पर पुलिस मकान मालिक व पीजी मालिकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा रही है। मध्य जिला पुलिस उपायुक्त हर्षवर्धन ने बताया कि दो दिन में करीब 2,200 से ज्यादा छात्रों से बात की गई है। छात्रों की शिकायतों की लंबी फेहरिस्त है। इनकी शिकायत पर पुलिस कार्रवाई कर रही है। सभी थानों की पुलिस टीमें इसी काम में लगी रहती हैं।
इन थाना क्षेत्र में कैश इकोनॉमी चल रही है
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, पुलिसकर्मियों ने जिन छात्रों से अभी तक पूछताछ की है, उसमें यह बात सामने आई है कि पटेल नगर, राजेंद्र नगर, मोती नगर, प्रसाद नगर, करोल बाग व आनंद पर्वत थाना क्षेत्रों में एक दूसरी ही इकोनॉमी चल रही है। यहां पर किराया, खाने के पैसे समेत सभी कामों के लिए कैश में पैसा लिया जाता है। पुलिस इस बात पर हैरान है। पुलिस को यह भी पता चला है कि नकद में पैसा लेने वाले कारोबारी इनकम टैक्स नहीं दे रहे हैं।
पुलिस के छात्रों से सवाल:--
कहां रहते हैं?
मालिक या पीजी मालिक मनमाना किराया तो नहीं वसूल रहे हैं?
पीजी मालिक कैश में किराया तो नहीं ले रहे?
जिन कमरों वह रह रहे हैं, वह रहने लायक है या नहीं?
छोटे-छोटे कमरों का किराया पांच से सात हजार लिया जा रहा हैं?
छात्रों को ताजा खाना दिया जाता है या नहीं?
किराए पर रहने वाले छात्रों के साथ पीजी मालिक दुर्व्यवहार तो नहीं करता?
10 बेसमेंट सील
एमसीडी ने गत दिनों की तरह बुधवार को भी बेसमेंट सील करने की कार्रवाई की। एमसीडी ने शाहदरा (दक्षिणी जोन), करोल बाग और नजफगढ़ जोन में भवन उप नियमों का उल्लंघन करने वाली 10 संपत्तियों के खिलाफ सीलिंग कार्रवाई की। एमसीडी ने करोल बाग जोन में चार बेसमेंट को सील किया। यहां पर अवैध रूप से लाइब्रेरी चलाई जा रही थी। शाहदरा दक्षिणी जोन में कोचिंग सेंटर्स/लाइब्रेरी वाले चार बेसमेंट और नजफगढ़ जोन में कोचिंग सेंटर्स/लाइब्रेरी वाले दो बेसमेंट सील किए। इसके अलावा एमसीडी ने सभी जोन में बेसमेंट में नियमों का उल्लंघन करने वाले कोचिंग सेंटरों और अन्य संपत्तियों की पहचान करने के लिए सर्वे भी किया।