कानपुर। कानपुर में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में फोन कॉल व फर्जी इंस्टाग्राम आईडी से मैसेज कर जूनियर छात्रों की रैगिंग के प्रयास का मामला सामने आया है। विवि व साइबर सेल से चार माह पहले हुई शिकायत के बाद इसकी जांच कराई गई थी।
इसमें पता चला कि सीनियर छात्र अपने जूनियर को अपशब्द कहकर परेशान कर रहे थे। साक्ष्य मिलने के बाद अब प्राचार्य डॉ. संजय काला ने दोषी आठ छात्रों को छह महीने के लिए छात्रावास से निष्कासित कर दिया। वहीं, एक सेमेस्टर की परीक्षा पर रोक और 10 हजार रुपये का अर्थ दंड भी लगाया है।
चैट का स्क्रीन शॉट और फोन कॉल की डिटेल ली थी
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि चार महीने पहले किसी अभिभावक ने एमबीबीएस प्रथम वर्ष (पैरा एस-2) के छात्रों की रैगिंग के प्रयास की शिकायत की थी। इस पर उसी दिन फैकल्टी सदस्यों के साथ हॉस्टल जाकर छात्रों के इंस्टाग्राम चैट का स्क्रीन शॉट और फोन कॉल की डिटेल ली गई थी।
जांच में आठ छात्र दोषी मिले
अभिभावक ने एंटी रैगिंग सेल से भी इसकी शिकायत की थी। इस पर मामले की जांच शुरू की गई और साइबर सेल को भी केस दिया गया। साइबर सेल ने कॉलेज से लेकर दिल्ली तक जांच की। इसमें एमबीबीएस द्वितीय वर्ष (पैरा आर-2) के आठ छात्र दोषी मिले।
सीसीटीवी कैमरों से क्रॉस चेक भी किया
सेल ने रैगिंग के प्रयास संबंधी चैट और छात्रों के संबंध में साक्ष्य कॉलेज प्रबंधन को सौंपे। इन छात्रों ने फर्जी इंस्टाग्राम आईडी बनाकर अलग-अलग स्थानों से मैसेज और फोन कॉल किए थे। कॉलेज परिसर में चारों तरफ लगे सीसीटीवी कैमरों से इसे क्रॉस चेक भी किया गया।
छात्रों ने गलती मानी और माफी मांगी
इसके बाद दोषी छात्रों से पूछताछ की गई। साक्ष्य सामने रखने पर छात्रों ने गलती मानी और माफी मांगी। इन छात्रों के अभिभावकों को भी बुलाया गया। छात्रों को चेतावनी देने के साथ अभिभावकों से भी लिखकर लिया गया कि अगर दोबारा गलती करेंगे, तो कॉलेज से निकाल दिया जाएगा।
दोषी मिले सभी आठ छात्र मेधावी हैं। शरारत में जूनियरों को परेशान करने का प्रयास किया था। कॅरिअर खराब न हो इसे देखते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करने के साथ चेतावनी भी दी गई है। जूनियर छात्रों से भी कहा गया है कि अंजान फोन कॉल न उठाएं। सोशल साइट पर समय खराब करने के बजाए पढ़ाई पर ध्यान दें। उनके अभिभावकों को भी इस संबंध में अवगत करा दिया गया है।