दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर बाहर भारी संख्या में पुलिस और सीआरपीएफ के जवान तैनात किए गए थे। नेता प्रतिपक्ष आतिशी व विधायकों ने कार्रवाई का विरोध किया। आप के निलंबित 21 विधायकों को शुक्रवार को भी विधानसभा परिसर में प्रवेश नहीं मिला।
बाहर भारी संख्या में पुलिस और सीआरपीएफ के जवान तैनात किए गए थे। नेता प्रतिपक्ष आतिशी व विधायकों ने कार्रवाई का विरोध किया।
इसके बाद वे राष्ट्रपति भवन की ओर ज्ञापन देने के लिए निकल पड़े, लेकिन पुलिस ने रास्ते में बसें लगाकर आगे नहीं जाने दिया। इस दौरान आप विधायकों ने सड़क पर प्रदर्शन करते हुए भाजपा पर तानाशाही का आरोप लगाकर जमकर नारेबाजी की।
इस मौके पर आतिशी ने कहा कि भाजपा को डॉ. भीमराव आंबेडकर की तस्वीर और उनके योगदान से आपत्ति है। जब हम विधानसभा में जय भीम के नारे लगाते हैं, तो हमें निलंबित कर दिया जाता है। वहीं, जब भाजपा विधायक मोदी-मोदी के नारे लगाते हैं, तो किसी को भी बाहर नहीं किया जाता। भाजपा यह मानती है कि यह देश आंबेडकर संविधान से नहीं चलता, बल्कि तानाशाही से चलता है।
भाजपा ने आंबेडकर की तस्वीर हटाकर पीएम मोदी की तस्वीर लगाई है। भाजपा लोकतंत्र और संविधान को खत्म करना चाहती है, लेकिन आप इसे कभी स्वीकार नहीं करेगी। आप का विधायक दल राष्ट्रपति से मिलने जाएगा, क्योंकि देश में संविधान और लोकतंत्र को बचाने की जिम्मेदारी अब राष्ट्रपति की है। भाजपा की तानाशाही का मुकाबला करना लोकतंत्र के लिए जरूरी है और आप इससे पीछे नहीं हटेगी।
आप विधायकों के निलंबन पर चला पत्रों का दौर
आप विधायकोें को विधानसभा से निलंबित व परिसर में प्रवेश न देने के मामले में नेता प्रतिपक्ष आतिशी और विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता के बीच पत्रों का दौर शुरू हुआ है। आतिशी ने शुक्रवार को विजेंद्र गुप्ता को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि विपक्षी विधायकों के साथ अन्याय हुआ है।
वहीं, गुप्ता ने आतिशी को जवाब दिया कि विपक्षी दल का 12 वर्षों तक सरकार में रहते हुए विधानसभा के नियमों से अनभिज्ञ होना अत्यंत आश्चर्यजनक है। सदन में कार्य संचालन से संबंधित नियमों और विनियमों का पालन करना जरूरी है। नारेबाजी को अनुशासनहीनता के रूप में देखा गया।
उन्होंने स्पष्ट किया कि विधानसभा परिसर में प्रवेश करने की अनुमति केवल उन विधायकों को है जो निलंबन से मुक्त हैं। 24 फरवरी को अध्यक्ष का चुनाव संपन्न होने के दौरान आप विधायकों की गरिमामयी प्रक्रिया होनी चाहिए थी, लेकिन दुर्भाग्यवश विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी और व्यवधान उत्पन्न कर प्रक्रिया को बाधित किया।
इस अशोभनीय आचरण के बावजूद उन्होंने संयम बरतते हुए किसी भी विधायक के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की। इसके बाद आप विधायकों के कारण उपराज्यपाल अभिभाषण गरिमापूर्ण ढंग से पूरा नहीं कर सके। यह आचरण पांचवीं अनुसूची (आचार संहिता नियमावली) के स्पष्ट उल्लंघन के अंतर्गत आता है।