मुंबई। बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के आयुक्त और प्रशासक भूषण गगरानी ने पुष्टि की कि यह जीबीएस के कारण महानगर में पहली मौत है। अधिकारियों ने पहले कहा था कि मुंबई में जीबीएस का पहला मामला सात फरवरी को सामने आया था,
जब अंधेरी (पूर्व) की निवासी 64 वर्षीय महिला इससे पीड़ित पाई गई थी। मुंबई के एक अस्पताल में 53 वर्षीय व्यक्ति ने गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के कारण जान गंवा दी। यह इस तंत्रिका विकार की वजह से हुई पहली मौत है। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि वडाला इलाके का निवासी और एक अस्पताल में ‘वार्ड बॉय’ के रूप में काम करने वाला मरीज लगभग 15 दिन पहले पहले पुणे गया था, जहां जीबीएस का भीषण प्रकोप है। उसे 23 जनवरी को यहां एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, कई दिन से उसकी हालत गंभीर थी और मंगलवार को उसकी मौत हो गई।
बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के आयुक्त और प्रशासक भूषण गगरानी ने पुष्टि की कि यह जीबीएस के कारण महानगर में पहली मौत है। अधिकारियों ने पहले कहा था कि मुंबई में जीबीएस का पहला मामला सात फरवरी को सामने आया था, जब अंधेरी (पूर्व) की निवासी 64 वर्षीय महिला इससे पीड़ित पाई गई थी।
इन लक्षणों को बिल्कुल न करें अनदेखा
डॉ विकास बताते हैं, गिलियन-बैरे सिंड्रोम खतरनाक जटिलताओं का कारण बन सकती है, अगर समय पर इसका इलाज न प्राप्त किया जाए। इसलिए बीमारी के संकेतों को लेकर गंभीरता जरूरी है। अगर आपको कुछ दिनों से इन पांच में से दो लक्षण भी महसूस हो रहे हैं तो सावधान हो जाइए और इलाज के लिए तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
इस बीमारी में कमजोरी महसूस होती है जो पैरों से शुरू होकर छाती और सिर तक जा सकती है I
हाथों, पैरों या शरीर के अन्य हिस्सों में झनझनाहट या सुन्न होने का एहसास हो सकता है।
गंभीर मामलों में, सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।
मरीजों को मांसपेशियों की पूर्ण या आंशिक रूप से लकवा मारने की समस्या हो सकती है।
आंतों और मूत्र प्रणाली की समस्या भी इस बीमारी के शिकार लोगों में देखी जाती रही है।
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