मुंबई । मुंबई में मंगलवार को गणेश उत्सव के अंतिम दिन गणपति बप्पा को भावुक विदाई दी गई। 19000 से अधिक गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। इस मौके पर गणपति बप्पा मोरया और अगले बरस जल्दी आना के नारों से वातावरण गूंज उठा। देर रात तक लोग ढोल-नगाड़ों की थाप पर थिरकते नजर आए।
इस दौरान कई गणपति मंडल-सामूदायिक समूहों के जुलूस ने अबीर-गुलाल उड़ाकर उन्मादी नृत्य किया। हालांकि, गणपति विसर्जन के दौरान शहर में कहीं भी कोई बड़ी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली। इसके अलावा, पूरे महाराष्ट्र में गणपति विसर्जन धूमधाम से किया गया।
मंगलवार शाम छह बजे तक विसर्जित की गईं 19000 से अधिक मूर्तियां
बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के अधिकारियों के अनुसार, शाम 6 बजे तक 19000 से अधिक मूर्तियों को समुद्र, झीलों और कृत्रिम तालाबों में विसर्जित कर दिया गया। इनमें से 17996 मूर्तियां ऐसी थीं जो गणेश उत्सव के दौरान घरों में स्थापित की गई थीं। इसके अलावा 1053 मूर्तियां सार्वजनिक मंडलों और 127 मूर्तियां देवी गौरी की थीं। बीएमसी के अनुसार, कृत्रिम तालाबों में 7570 मूर्तियों का विसर्जन किया गया, जिनमें 182 सार्वजनिक गणपति की मूर्तियां भी शामिल थीं।
'लालबागचा राजा' गणेश का जुलूस पहुंचा खाटव मिल
लालबागचा राजा ने हर साल की तरह 11 दिवसीय उत्सव के दौरान लाखों भक्तों को आकर्षित किया। लालबागचा राजा गणेश का जुलूस गिरगांव 'चौपाटी' या समुद्र तट के रास्ते रात 11 बजे के आसपास भायखला में खाटव मिल पहुंचा था। बुधवार सुबह इसके विसर्जित होने की उम्मीद है।
महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने देर शाम गिरगांव चौपाटी पर गणपति जुलूस पर पुष्प वर्षा की। इस मौके पर सीएम शिंदे ने कहा कि उनकी सरकार की लड़की बहिन योजना के कारण इस बार राज्य में महिलाओं की खुशी दोगुनी हो गई है, जिसके तहत पात्र महिलाओं को प्रति माह 1500 रुपये दिए जाते हैं।
गणेश विसर्जन के लिए बीएमसी ने उपलब्ध कराए 204 कृत्रिम तालाब
बीएमसी के अनुसार, गणपति विसर्जन महानगर के अन्य स्थानों के अलावा कृत्रिम तालाबों के साथ-साथ गिरगांव, दादर, जुहू, मार्वे और अक्सा समुद्र तटों पर भी हो रहा है। बीएमसी ने प्राकृतिक जल निकायों के प्रदूषण को रोकने के लिए 204 कृत्रिम तालाब उपलब्ध कराए हैं।
सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए 24000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात
अधिकारियों ने कहा कि पश्चिम रेलवे और मध्य रेलवे जुलूस के बाद घर लौटने वाले भक्तों की सुविधा के लिए देर रात विशेष ट्रेनें चलाएंगे। सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए सड़कों पर 24000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
जुलूस प्रबंधन के लिए 71 नियंत्रण कक्ष स्थापित
बीएमसी ने 12000 से अधिक कर्मचारियों को तैनात किया है और जुलूसों के प्रबंधन के लिए 71 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं। 761 लाइफगार्ड भी तैनात किए हैं। सुरक्षा उपाय के रूप में समुद्र तटों पर 48 स्पीड नौकाएं तैनात की हैं। नागरिकों को गहरे पानी में प्रवेश करने से बचने की सलाह दी गई है। बीएमसी ने नागरिकों को समुद्र में मूर्तियों को विसर्जित करते समय नीले बटन जेलीफिश और स्टिंगरे के बारे में भी सावधान किया है।
विसर्जन स्थलों की निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रही पुलिस
पुलिस गिरगांव, दादर, बांद्रा, जुहू वर्सोवा और मध द्वीप के समुद्र तटों और पवई झील जैसे प्रमुख विसर्जन स्थलों पर निगरानी के लिए ड्रोन का भी उपयोग कर रही है। वहीं, निगरानी के लिए 8000 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। अधिकारियों ने कहा कि राज्य रिजर्व पुलिस बल, त्वरित प्रतिक्रिया दल, दंगा नियंत्रण पुलिस, होमगार्ड और महाराष्ट्र सुरक्षा बल को भी शामिल किया गया है।
यातायात व्यवस्था के लिए 2500 से अधिक ट्रैफिक पुलिसकर्मी तैनात
इसके अलावा, 2500 से अधिक यातायात पुलिसकर्मी शहर भर में वाहनों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए तैनात किए गए हैं। कुछ सड़कें यातायात के लिए बंद कर दी गई हैं।