प्रयागराज। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने महाकुंभ में सिर्फ सनातनी अफसरों को ही तैनात करने की मांग उठाई है। सनातनियों के अलावा दूसरे व्यक्तियों को मेला क्षेत्र में प्रवेश न देने और उनके स्नान की दूसरी जगह व्यवस्था कराने की भी मांग उठाई जा रही है। इस मुद्दे को छह अक्तूबर को यहां आ रहे सीएम योगी आदित्यनाथ के समक्ष उठाया जाएगा।
अखाड़ा परिषद की शुक्रवार को बुलाई गई बैठक में पेशवाई और शाही नामों को बदलने पर भी सहमति बनाने की कोशिश की जाएगी।
महाकुंभ की तैयारियों के संबंध में छह अक्तूबर को मुख्यमंत्री के साथ संतों की बैठक होनी है। इसके बाद अखाड़ों में आम सहमति से मुख्यमंत्री के समक्ष ज्वलंत मुद्दे रखने की कवायद शुरू हो गई है। कुछ अखाड़ों की बैठक में बृहस्पतिवार को संतों ने महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चाैबंद करने को अहम बताया।
अखाड़ा परिषद के महामंत्री और जूना अखाड़े के संरक्षक महंत हरि गिरि के मुताबिक, संतों ने महाकुंभ में सिर्फ सनातनी अफसरों और कर्मियों की ही ड्यूटी लगाने की मांग रखी है। मेले में जो भी श्रद्धालु आएं, उनके भी आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों के जरिये पहचान की जाए। संतों ने महाकुंभ मेले में सिर्फ सनातनियों को ही प्रवेश देने पर भी चर्चा की है। इस प्रस्ताव को शुक्रवार को होने जा रही सभी अखाड़ों की बैठक में विस्तार से रखा जाएगा। सभी की सहमति के बाद मुख्यमंत्री के समक्ष यह मांग उठाएंगे।
महाकुंभ में पेशवाई और शाही शब्दों के नाम बदलने पर भी रायशुमारी की जाएगी। अखाड़ा परिषद इस पर भी बैठक में विचार करके सहमति बनाने की कोशिश करेगा। माना जा रहा है कि मुगलकाल से चले आ रहे इन दोनों शब्दों की विदाई हो जाएगी।
सरकारी विभागों में तालमेल की कमी पर संतों ने जताई नाराजगी
महाकुंभ के कार्यों को लेकर विभागों में तालमेल की कमी पर संतों ने नाराजगी जताई है। यह मुद्दा भी मुख्यमंत्री के समक्ष प्रमुखता से रखने की बात कही है। अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि ने कहा कि कुंभ के कार्यों में लेटलतीफी की वजह आपसी तालमेल का घोर अभाव है। संतों ने कहा कि एकबार बनने के बाद उसी सड़क को दोबारा खोदा जा रहा है। इससे आमजन त्रस्त हैं।
बसों की तरह ट्रेनों के अंदर मिलेंगे यात्रा टिकट
महाकुंभ के दौरान रेलवे प्रशासन विशेष व्यवस्था करने जा रहा है। रोडवेज बसों की तर्ज पर ट्रेनों के अंदर ही चेकिंग स्टाफ यात्रियों को अनारक्षित टिकट उपलब्ध करा देगा। इसका फायदा यह रहेगा कि उन्हें स्टेशन के अनारक्षित टिकट काउंटर पर लाइन में नहीं लगना पड़ेगा।
मेले के दौरान देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। इसमें से अधिकतर का ट्रेनों के माध्यम से आवागमन होना है। इसी वजह से रेलवे यात्री सुविधाओं को लेकर तमाम इंतजाम कर रहा है। मेले के दौरान कई स्पेशल ट्रेनें भी चलाई जाएंगी। स्नान पर्व के दौरान स्टेशनों पर भीड़ को देखते हुए रेलवे ने तय किया है कि जनरल कोच या मेला स्पेशल में सफर करने वालों को ट्रेनों के अंदर ही टिकट मुहैया कराया जाएगा।
फिलहाल, रेलवे ने महाकुंभ को देखते हुए टिकट चेकिंग स्टाफ को मोबाइल यूटीएस दिए जाने की तैयारी की है। साथ उन्हें एक छोटा प्रिंटर भी दिया जाएगा। यात्री ट्रेन में बैठ जाएंगे तो रोडवेज बस की तर्ज पर टीटीई उनके पास आकर अनारक्षित टिकट मुहैया कराएंगे।
खास बात है कि ट्रेनों के साथ ही प्रयागराज जंक्शन, प्रयागराज छिवकी, नैनी जंक्शन पर यात्रियों के लिए बनाए जा रहे यात्री आश्रयस्थल पर भी रेलवे का चेकिंग स्टाफ मोबाइल यूटीएस के माध्यम से यात्रियों को अनारक्षित टिकट मुहैया कराएगा।