नई दिल्ली। कृषि, शिकार, वानिकी और मछली पकड़ने में कार्यरत लोगों की संख्या 2022-23 में 25.3 करोड़ के स्तर पर पहुंच गई है। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, यह पिछले 17 वर्षों का सर्वोच्च स्तर है। 202-23 वित्त वर्ष 2007 के बाद पहला वर्ष था, जब कृषि रोजगार 25 करोड़ के पार पहुंच गया।
पिछले चार वर्षों में 5 करोड़ लोगों को काम मिला है। 2022-23 में कृषि क्षेत्र में 48 लाख रोजगार मिले, जो विनिर्माण व व्यापार की 44 लाख नौकरियों से ज्यादा है।
हालांकि, अर्थशास्त्रियों का तर्क है कि कृषि में बढ़े रोजगार इस क्षेत्र के समग्र अर्थव्यवस्था से बेहतर प्रदर्शन का एक कारण हो सकता है। सेंटर फॉर सोशल एंड इकोनॉमिक प्रोग्रेस (सीएसईपी) के अध्यक्ष लवीश भंडारी ने कहा, कृषि रोजगार में वृद्धि का श्रेय इस क्षेत्र में उच्च वृद्धि को दिया जा सकता है। विशेष रूप से पशुधन, वानिकी और मछली उत्पादन के कारण लोगों को रोजगार मिला है।
उधर, 2014-15 और 2018-19 के बीच फसल उत्पादन में प्रति वर्ष सिर्फ 1.8 फीसदी वृद्धि हुई। अन्य कृषि गतिविधियों में विस्तार की दर तेज थी। विशेषज्ञों के मुताबिक, नोटबंदी, जीएसटी व कोविड ने अनौपचारिक क्षेत्र पर दबाव डाला।
79 लाख सालाना गैर कृषि रोजगार का लक्ष्य
कृषि क्षेत्र में वृद्धि के बावजूद अब भी कुल रोजगार का केवल 42 फीसदी तक ही इसमें कार्यरत है। एक दशक पहले यह करीब 50 फीसदी था। आर्थिक सर्वेक्षण में 2030 तक हर साल 79 लाख गैर-कृषि रोजगार सृजित करने का लक्ष्य रखा गया है।
संगठित क्षेत्र में नियुक्ति गतिविधियों में 12% तेजी
औपचारिक क्षेत्रों में नियुक्ति गतिविधियां जुलाई में पिछले साल की तुलना में 12 फीसदी बढ़ी हैं। नौकरी जॉबस्पीक इंडेक्स के अनुसार, जुलाई में 2,877 नौकरियां मिलीं। जुलाई, 2023 में यह आंकड़ा 2,573 था। रिपोर्ट के अनुसार, अधिकांश क्षेत्रों में दोहरे अंक की वृद्धि रही। इनमें फार्मा/बायोटेक (26 फीसदी), एफएमसीजी (26 फीसदी), रियल एस्टेट (23 फीसदी), और एआई-एमएल (47 फीसदी) सबसे आगे रहे।