बंगलूरू। कर्नाटक सरकार एक तरफ राज्य को धन आवंटन में कथित लापरवाही को लेकर केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। वहीं, दूसरी तरफ पुराने कर्ज वसूल नहीं रही है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने बताया कि राज्य सरकार ने विभिन्न संस्थाओं को दिए गए 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के पुराने कर्जों की वसूली नहीं की है।
सन् 1977 से ही लंबित पड़े कर्ज
कैग ने मंगलवार को कर्नाटक विधानसभा में वित्त लेखा 2022-23 पर आई एक रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में कहा गया, पुराने कर्जों में से कुछ सन् 1977 से ही लंबित पड़े हुए हैं। इनमें से कई कर्ज राज्य सरकार के ही विभागों एवं उपक्रमों से संबंधित हैं।
कई वर्षों से नहीं हुई वसूली
कैग ने कहा, 'राज्य सरकार के आठ विभागों से जुड़े 10,389.78 करोड़ रुपये के पुराने ऋणों के संबंध में मूलधन की भी वसूली पिछले कई वर्षों में नहीं हुई है। इनमें वर्ष 1977 से लंबित ऋण भी शामिल हैं।'
21 कर्जदार संस्थाओं पर बकाया
इस रिपोर्ट के मुताबिक, 21 कर्जदार संस्थाओं पर 15,856 करोड़ रुपये का बकाया है, जिसमें 9,380 करोड़ रुपये का मूलधन भी शामिल है। सबसे पुराना बकाया कर्ज सन् 1977 का है, जो बंगलूरू जल आपूर्ति एवं सीवेज बोर्ड और कर्नाटक राज्य बीज निगम लिमिटेड को दिया गया था।