बचपन में सुपरबॉय कहे जाने वाले कीर स्टार्मर वाम विचारों के समर्थक हैं। वह एक प्रसिद्ध वकील, कुशल खिलाड़ी और संगीतप्रेमी भी हैं। कभी राजनीति छोड़ किताबें बेचने की सोच रहे थे, पर आज वह ब्रिटेन की राजनीति के शिखर पुरुष बन गए हैं।
वह एक वकील हैं, जिन्होंने ब्रिटिश राजघराने की ओर से आतंकवादियों के खिलाफ मुकदमा लड़ने से पहले शाकाहार समर्थकों का बचाव करने को प्राथमिकता दी। वह युवावस्था में पूंजीवाद विरोधी ट्रॉट्स्की पत्रिका के संपादक थे, फिर भी उन्होंने इस साल लेबर पार्टी के मंच से दिए गए अपने भाषणों में ‘धन सृजन’ को बढ़ावा देने की बात कहकर पूंजीपतियों को खुश किया। वह लेबर पार्टी के इतिहास में पहले नेता हैं, जिन्हें नौकरी मिलने से पहले ‘सर’ की उपाधि मिली। राजशाही-विरोधी होने के बावजूद उन्हें अब सप्ताह में एक बार निश्चित रूप से ब्रिटिश क्राउन से मुलाकात करना होगा।
1990 के दशक में वे मैकडॉनल्ड्स और दो पर्यावरण कार्यकर्ताओं हेलेन स्टील और डेविड मॉरिस के बीच 10 वर्षों तक चलने वाले एक कुख्यात मुकदमे 'मैक्लिबेल' की वजह से चर्चा में थे। जब सामाजिक कार्यकर्ताओं को कानूनी सहायता से वंचित किए जाने के बाद अदालत में अपना प्रतिनिधित्व खुद करने के लिए मजबूर होना पड़ा, तो उनका साथ दिया सर कीर स्टार्मर ने। ये वही कीर स्टार्मर हैं, जिनका सम्मान विरोधी दल के नेता भी करते हैं। इन्होंने ब्रिटेन की राजनीति में तहलका मचाते हुए कंजर्वेटिव पार्टी का चौदह वर्षों का वर्चस्व तोड़ा और लेबर पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की। राजनीतिक कॅरिअर की शुरुआत करने से पहले, उन्होंने मानवाधिकार मुद्दों पर काम करने वाले असाधारण बैरिस्टर के रूप में ख्याति अर्जित की थी। उन्हें 2010, 2015, 2017 और 2019 में चुनावी हार का भी सामना करना पड़ा था।
टूटे घर में रहे, वेश्यालय की छत पर की पढ़ाई
स्टार्मर मध्यवर्गीय परिवार से थे। उनका पालन-पोषण एक तंग, कंकड़-पत्थर से बने टूटे-फूटे घर में हुआ था। जब वह पोस्ट-ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए लंदन गए, तो उनके पास ज्यादा पैसे नहीं थे। इसके चलते उन्हें वेश्यालय की छत पर बने कमरे में रहना पड़ा था। छोटा-सा वह कमरा काफी गंदा था और आस-पास बहुत शोर था। छोटे से उस किराये के कमरे में रहकर भी उन्होंने भविष्य के सपने देखना नहीं छोड़ा।
नास्तिक हैं, हर रविवार खेलते हैं फुटबॉल
भगवान में आस्था नहीं रखने वाले कीर स्टार्मर ने स्वास्थ्य और पर्यावरणीय कारणों से पिछले 30 सालों से मांसाहार का सेवन नहीं किया। उनकी पत्नी विक्टोरिया भी शाकाहारी हैं। हालांकि, स्टार्मर ने हाल ही में मछली खाना शुरू किया है। स्टार्मर फुटबाल प्रशंसक होने के साथ शौकिया खिलाड़ी भी हैं। वह आज भी हर रविवार दोस्तों के साथ फुटबॉल खेलते हैं। एक खिलाड़ी के तौर पर उन्हें कई बार 'बॉक्स-टू-बॉक्स मिडफील्ड जनरल' नाम से भी बुलाया जाता है।
परिवार, पढ़ाई और शादी
स्टार्मर का जन्म दो सितंबर, 1962 को लंदन, इंग्लैंड में हुआ था। पिता रॉडनी स्टार्मर एक कारखाने में टूलमेकर थे और मां जोसेफिन स्टार्मर एक नर्स थीं। उनकी मां स्टिल्स डिजीज नामक एक दुर्लभ बीमारी से पीड़ित थीं। पिता कट्टर वामपंथी थे, इसलिए लेबर पार्टी के पहले संसदीय नेता जे कीर हार्डी के नाम पर उनका नाम कीर रखा। सरे में पले-बढ़े और रीगेट ग्रामर स्कूल में पढ़ाई के बाद उन्होंने 1985 में लीड्स विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने सेंट एडमंड हॉल, ऑक्सफोर्ड से सिविल लॉ में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। स्टार्मर अपनी पत्नी विक्टोरिया को 'विक' कहकर बुलाते हैं। उन्होंने 2007 में विवाह किया था। पेशे से दोनों वकील हैं। दंपती के दो बच्चे हैं। वह अपने परिवार के पहले डिग्रीधारी सदस्य भी थे।
संगीतप्रेमी सुपरबॉय
कीर के माता-पिता पशु प्रेमी थे, जो गधों का संरक्षण करते थे। जब भी कोई भाई-बहन घर से बाहर जाता था, तो उसकी जगह एक गधा रख देते थे, जिससे उनकी कमी महसूस नहीं होती थी। कीर ने बांसुरी, रिकॉर्डर, पियानो और वायलिन जैसे वाद्य यंत्रों को बजाने में महारत हासिल की है। उन्होंने डीजे और प्रसिद्ध रिकॉर्ड निर्माता फैटबॉय स्लिम के साथ वायलिन सीखा। पढ़ाई, खेलकूद के साथ संगीत में भी उनका प्रदर्शन शानदार होने के कारण उन्हें ग्रामर स्कूल का सुपरबॉय बुलाया जाता था।
राजनीति छोड़ किताबें बेचना चाहते थे
2021 में हार्टलपूल के उपचुनाव में मिली हार के बाद कीर स्टार्मर राजनीति को अलविदा कहने वाले थे। वह चुनाव में मिली हार से बेहद दुखी थे। इसलिए उन्होंने राजनीति छोड़कर किताबें बेचने का मन बनाया। हालांकि अपनी पत्नी और एक दोस्त की सलाह पर उन्होंने बाद में यह विचार त्याग दिया।
नर्स के बेटे...मानवाधिकार वकील से ब्रिटिश पीएम तक
मानवाधिकार अधिवक्ता और अब ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर निवर्तमान प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की तरह ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से ही पढ़े हैं।
हालांकि उनका व्यक्तित्व सुनक से उलट है। भारतवंशी सुनक खुद को धार्मिक बताते रहे हैं, वहीं स्टार्मर भगवान में यकीन नहीं करते। मध्यवर्गीय परिवार में जन्मे स्टार्मर की मां नर्स और पिता रोडने स्टार्मर औजार बनाने वाले कारीगर थे। रोडने कट्टर वामपंथी थे, इसलिए उन्होंने लेबर पार्टी के संस्थापक कीर हार्डी के नाम पर बेटे का नाम कीर स्टार्मर रखा। पढ़ाई में तेज स्टार्मर मां के बेहद करीब थे। 2015 में लेबर पार्टी से पहली बार सांसद बनने से पहले ही उनकी मां दुनिया छोड़कर चली गए थीं। अपने पहले भाषण में मां को लेकर वे बेहद भावुक हो गए थे। रोचक बात यह कि सियासत के शीर्ष पर पहुंचने वाले स्टार्मर और उनकी पत्नी ने अपने दो किशोर बच्चों को राजनीतिक चमक-दमक से दूर रखा है। उनकी पत्नी राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) में काम करती हैं।
राजशाही के विरुद्ध रहे, फिर भी नाइटहुड उपाधि
सर स्टार्मर 16 साल की उम्र में ही लेबर पार्टी के यूथ विंग यंग सोशलिस्ट से जुड़ गए। उन्होंने 18 वर्ष की उम्र में लॉ की पढ़ाई के लिए लीड्स यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। वे अपने परिवार में यूनिवर्सिटी जाकर पढ़ने वाले पहले व्यक्ति बने।
स्टार्मर ब्रिटेन में राजशाही के खिलाफ रहे। हालांकि कानून के जरिये लोगों की भलाई करने के लिए उन्हें राजमहल से 2014 में नाइटहुड की उपाधि मिली और वे सर कीर स्टार्मर हो गए। उन्हें 2002 में क्वीन का काउंसल भी बनाया गया था।