नई दिल्ली । दुनियाभर में आर्थिक अनिश्चितता और तनाव के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था इस साल 7 फीसदी की दर से बढ़ सकती है। यह वृद्धि दर 20 देशों के समूह यानी जी-20 में सबसे तेज होगी। इस दौरान बड़े देशों की वृद्धि दर तीन फीसदी से भी नीचे रह सकती है।
आंकड़ों के अनुसार, भारत की सबसे तेज विकास दर की उपलब्धि इसकी मजबूत अर्थव्यवस्था के बूते होगी। वैश्विक चुनौतियों के बीच भी भारतीय अर्थव्यवस्था ने बेहतर प्रदर्शन के क्रम को जारी रखा है। जी-20 में भारत के बाद इंडोनेशिया की जीडीपी सबसे तेज यानी पांच फीसदी की दर से बढ़ेगी। उसके बाद चीन की अर्थव्यवस्था 4.8 फीसदी की दर से बढ़ सकती है। एकमात्र देश अर्जेंटीना है जिसकी जीडीपी विकास दर में 3.5 फीसदी की गिरावट आने की आशंका जताई गई है।
रूस की जीडीपी 3.6 फीसदी की दर से बढ़ेगी तो ब्राजील, अफ्रीका और तुर्किये की जीडीपी तीन-तीन फीसदी की दर से बढ़ सकती हैं। अमेरिका की अर्थव्यवस्था के 2.8 फीसदी की दर से और कोरिया की 2.5 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है। मैक्सिको और सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था 1.5-1.5 फीसदी की दर से बढ़ सकती हैं। यूरोपीय संघ और दक्षिण अफ्रीका की विकास दर 1.1-1.1 फीसदी रहने की उम्मीद जताई गई है।
6.6% की उम्मीद अगले साल
रेटिंग एजेंसी मूडीज का मानना है कि अगले साल भारत 6.6 फीसदी की दर से बढ़ सकता है। 2026 में यह दर 6.5 फीसदी रहने की उम्मीद जताई गई है।
चालू वर्ष में 7.2 फीसदी का अनुमान है। एजेंसी का कहना है कि ठोस विकास और मध्यम महंगाई के मिश्रण के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में है।
कनाडा और ऑस्ट्रेलिया की वृद्धि दर दो फीसदी से कम
रिपोर्ट में कहा गया है कि कनाडा की जीडीपी इस साल 1.3 फीसदी और ऑस्ट्रेलिया की 1.2 फीसदी की दर से बढ़ सकती है। इस साल दुनियाभर में तनाव और महंगाई के चलते विकास दर पर असर पड़ा है। इस वजह से केंद्रीय बैंकों ने दरों को लंबे समय तक बढ़ाने का सिलसिला शुरू किया। हालांकि, अब यह अनुमान है कि अगले साल से दरों में कटौती हो सकती है। अमेरिका सहित कुछ देशों ने हाल में ब्याज दरों में कटौती शुरू भी कर दी है।
बड़े देश विकास में रहेंगे पीछे
देश जीडीपी वृद्धि दर
फ्रांस 1.1%
ब्रिटेन 1.1%
इटली 0.7%
जापान 0.3%
जर्मनी 0.0%