मुंबई। इन दिनों सेमी हाईस्पीड ट्रेन यानी वंदे भारत ट्रेन सबसे पसंदीदा ट्रेन बन चुकी है। अभी इस अधिकांश राज्यों के 136 रूटों पर इस ट्रेन का सफल संचालन हो रही है। इन दिनों रेलवे मंत्रालय में कई नेता एक खास ट्रेन को लेकर चक्कर लगाते हुए देखे जा रहे है।
ये नेता सीधे रेल मंत्री से मिलकर इस ट्रेन को शुरू करने के लिए गुजारिश लगाते हुए दिख रहे हैं। इन नेताओं की मांग भी ऐसी है कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्ण्व भी इसे पूरा नहीं कर रहे है।
दरअसल, इन दिनों सेमी हाईस्पीड ट्रेन यानी वंदे भारत ट्रेन सबसे पसंदीदा ट्रेन बन चुकी है। अभी इस अधिकांश राज्यों के 136 रूटों पर इस ट्रेन का सफल संचालन हो रही है। यहीं वह तमाम रूटों पर चलने वाली इस ट्रेन की आक्यूपेंसी रेट 100 फीसदी से ज्यादा है। अगले कुछ माह में इस ट्रेन का स्लीपर वर्जन भी शुरू होने जा रहा है। इसे लेकर तैयारियां भी अंतिम दौर में पहुंच चुकी है।
रेलवे मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार,पहले ज्यादातर नेता अपने-अपने क्षेत्र में ट्रेनों के स्टॉपेज के लिए रेलवे मंत्रालय आते थे, लेकिन अब इनकी डिमांड बदल गई है। सांसदों के अलावा राज्यों से आने वाले तमाम मंत्री और बड़े नेता वंदे भारत ट्रेन की डिमांड लेकर रेल मंत्री के पास पहुंच रहे है। हर कोई अपने क्षेत्र से इस ट्रेन को शुरू करवाना चाहता है। इसमें सबसे खास बात यह है कि नेताओं की डिमांड एक एक ट्रेन की नहीं बल्कि चार से पांच ट्रेनों की होती है। चूंकि वंदे भारत ट्रेनों का प्रोडक्शन सीमित है, इसलिए उनकी चार से पांच ट्रेनों की डिमांड पूरी नहीं हो पाती है। सूत्रों का कहना है कि, ऐसा नहीं है कि वंदे भारत ट्रेन की डिमांड केवल सत्ता पक्ष के सांसदों में हैं। विपक्षी दलों में एनसीपी, डीएमके, सपा, आप और जद (यू) के सांसदों के अलावा कांग्रेस सांसद भी इन ट्रेनों की डिमांड करते हुए नजर आ रहे है।
तीन साल में संख्या 500 के करीब!
लगातार वंदे भारत ट्रेनों की आ रही डिमांड को देखते हु रेलवे मंत्रालय वंदे भारत ट्रेन का प्रोडक्शन बढ़ाने में लगा हुआ है। बजट 2025 में भी चार श्रेणियों की 350 वंदे भारत के प्रोडक्शन के लिए बजट की स्वीकृति मिल गई है। इसमें चार श्रेणियों की वंदे भारत स्लीपर-चेयर कार,अमृत भारत और नमो भारत शामिल हैं। इनका निर्माण जल्द शुरू कर दिया जाएगा। बजट में स्वीकृति 350 वंदे भारत को निर्माण अगले तीन सालों में पूरा कर लिया जाएगा। इनमें अमृत भारत की 100 ट्रेनें, नमो भारत की 50 ट्रेनें और 200 वंदे भारत (स्लीपर और चेयरकार) शामिल हैं। मौजूदा समय 70 के करीब वंदे भारत दौड़ रही हैं। पूर्व बजट में भी इस श्रेणी की ट्रेनों की घोषणा की जा चुकी है। इस तरह तीन सालों में वंदे भारत ट्रेनों का बेड़ा 500 के करीब पहुंच जाएगा।