कोलकाता । पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में बीते शुक्रवार को ईडी अधिकारियों पर हुए हमले के बाद से तृणमूल नेता शाहजहां शेख फरार है। जांच एजेंसियां उसकी लताश में जुटी हैं, लेकिन घटना को पांच दिन भी वह कानून की गिरफ्त से बाहर है।
संदेशखाली के 'राजा' का पता अब तक जांच एजेंसी ईडी या राज्य पुलिस नहीं लगा सकी है।
इस बीच, आयकर विभाग ने शाहजहां की अकूत संपत्ति की स्थिति जानने के लिए जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक शाहजहां तक पहुंचने के लिए ईडी का सहयोग करने के लिए बीएसएफ और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी एनआईए मैदान में उतर चुकी है। ईडी को आशंका है कि शाहजहां नदी के रास्ते बांग्लादेश भाग सकता है। इस संबंध में बीएसएफ को सतर्क कर दिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक सीमा पर निगरानी के साथ-साथ शाहजहां की गुप्त तलाश भी शुरू हो गई है। एनआईए के अधिकारियों ने भी जांच शुरू कर दी है। वहीं, आयकर विभाग ने भी शाहजहां की अकूत संपत्ति की स्थिति जानने के लिए जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक संदेशखाली मामले का मास्टर माइंड बार-बार अपना मोबाइल फोन बदल रहा है। नतीजतन, जांचकर्ताओं को उस तक पहुंचने में सफलता नहीं मिल रही है।
ईडी ने खटखटाया हाईकोर्ट दरवाजा, सुरक्षा की मांग
वहीं, संदेशखाली घटना को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। पुलिस की भूमिका पर ईडी ने कोर्ट में मामला दर्ज कराया। ईडी के वकील ने बुधवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में न्यायाधीश जय सेनगुप्त का ध्यान इस ओर आकर्षित किया। केंद्रीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि राशन भ्रष्टाचार मामले की जांच के दौरान उनके अधिकारियों पर हमला किया गया। इसी बीच उन्हें पता चला कि पीटे गए ईडी अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
ईडी के वकील ने कहा कि ईडी अधिकारी के खिलाफ दर्ज एफआईआर अब तक वेबसाइट पर अपलोड नहीं की गई है। लेकिन सभी जानते हैं कि ईडी अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इस बीच, ईडी के वकील ने दावा किया कि एफआईआर की कॉपी मांगने के बावजूद उन्हें यह नहीं दी जा रही है। ईडी ने घटना में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए केंद्रीय एजेंसी सुरक्षा आश्वासन चाहती है। हाई कोर्ट ने मामले की इजाजत दे दी है। मामले की सुनवाई गुरुवार को होने की संभावना है।