कोलकाता । कलकत्ता हाईकोर्ट के तेज-तर्रार न्यायाधीश और शिक्षक भर्ती घोटाला सहित कई मामलों में एक के बाद एक अहम फैसला देने वाले न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय आज इस्तीफा देने वाले हैं। उनके इस्तीफे की खबर के बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह राजनीतिक क्षेत्र में शामिल हो सकते हैं।
हालांकि अब उनके बयान से साफ हो गया है कि वह राजनीति का ही हिस्सा बनने जा रहे हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में भ्रष्टाचार
न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा, 'मैं कलकत्ता उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के पद से इस्तीफा देने जा रहा हूं। पिछले दो या अधिक वर्षों से मैं कुछ मामलों से निपट रहा हूं, विशेष रूप से शिक्षा के मामले, जहां एक बड़ा भ्रष्टाचार पाया गया है। इस सरकार के शिक्षा क्षेत्र में बड़ी संख्या में महत्वपूर्ण व्यक्ति जेल में बंद हैं, विचाराधीन हैं। श्रम विधान के इन मामलों को करते समय मुझे लगा कि न्यायाधीश के तौर पर मेरा काम समाप्त हो गया है।'
जितना मैंने देखा...
उन्होंने आगे कहा, 'अदालत में एक न्यायाधीश उन मामलों से निपटता है जो उसके सामने आते हैं, वो भी अगर कोई व्यक्ति मामला दायर करता है तो। लेकिन जितना मैंने देखा और महसूस किया है हमारे देश में और हमारे राज्य पश्चिमी बंगाल में भी बड़ी संख्या में बहुत असहाय लोग हैं। इसलिए मैंने सोचा है कि केवल राजनीतिक क्षेत्र ही उन लोगों को उनके लिए कार्य करने का मौका दे सकता है जो उन असहाय लोगों के संबंध में कदम उठाना चाहते हैं।'
गौरतलब है कि गंगोपाध्याय इसी साल अगस्त में रिटायर होने वाले थे। लेकिन उससे पहले ये फैसला चौंकाने वाला है। सूत्रों के मुताबिक, वे देश के राष्ट्रपति और मुख्य न्यायाधीश भी इस्तीफा भेजेंगे। न्यायाधीश गंगोपाध्याय ने शिकायत की कि अदालत में रहने के दौरान उन्हें कई बार तृणमूल द्वारा विभिन्न तानों का शिकार होना पड़ा। वह कभी-कभी व्यंग्यात्मक भी होते रहे हैं।
अभिजीत गंगोपाध्याय जैसे लोगों की जरूरत
भाजपा सांसद दिलीप घोष ने कहा, 'पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल के लिए जो किया है, वह कभी किसी ने नहीं किया। श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर एक बंदरगाह का नाम रखने के लिए दिल्ली में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित करना, पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल की महान हस्तियों का सम्मान करने के लिए बहुत कुछ किया है। इससे पहले, यह सब ममता बनर्जी और गांधी परिवार के बारे में था। अभिजीत गंगोपाध्याय जैसे लोगों का राजनीति में स्वागत है। लोगों में विश्वास पैदा करने और स्वच्छ राजनीति स्थापित करने के लिए उनके जैसे सच्चे लोगों की जरूरत है... पूरा देश संदेशखली को लेकर चिंतित है।'
न्याय नहीं बल्कि पार्टी के लिए कर रहे थे काम: राउत
कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय के इस्तीफे पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, 'अगर उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश इस्तीफा देते हैं और किसी विशेष राजनीतिक दल में शामिल होते हैं, तो इसका मतलब है कि वे न्याय नहीं कर रहे थे, बल्कि पार्टी के लिए काम कर रहे थे।