नई दिल्ली। भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। 26 जनवरी को भारत धूमधाम से अपने लोकतंत्र का त्योहार मनाएगा। समस्त देशवासियों में 26 जनवरी को लेकर उत्साह है। इस बीच राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित करेंगी।
राष्ट्रपति देशवासियों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगी। इसी के साथ वे देश में हुए नवाचारों और देश के उत्थान पर हर्ष व्यक्त करेंगी। राष्ट्रपति मुर्मू देशवासियों को 26 जनवरी के पावन अवसर की शुभकामनाएं देंगी।
गणतंत्र दिवस का यहा है कार्यक्रम
75वें गणतंत्र दिवस की थीम ‘विकसित भारत और भारत-लोकतंत्र की मातृका’ रखी गई है। गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत ध्वजारोहण के साथ होगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दिल्ली स्थित कर्तव्य पथ (पहले राजपथ कहा जाता था) पर ध्वजारोहण करेंगी। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह अमर जवान ज्योति पर श्रद्धांजलि देंगे। इस समारोह के मुख्य आकर्षण यानी परेड का समय सुबह 10:30 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच है। परेड का रुट विजय चौक से नेशनल स्टेडियम के बीच है जो पांच किमी होगा। मुख्य कार्यक्रम दिल्ली स्थित कर्त्तव्य पथ पर होगा।
समारोह में मेहमान कौन हैं?
फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों 75वें गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि हैं। परेड में फ्रांस की 95 सदस्यीय मार्चिंग टीम और 33 सदस्यीय बैंड दल भी शिरकत करेगा। भारतीय वायु सेना के विमानों के साथ एक मल्टी रोल टैंकर ट्रांसपोर्ट (एमआरटीटी) विमान और फ्रांसीसी वायुसेना के दो राफेल लड़ाकू जेट भी फ्लाई-पास्ट में हिस्सा लेंगे। रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने बताया कि कर्तव्य पथ पर परेड देखने के लिए 77 हजार सीटों की क्षमता है। इनमें से आम जनता के लिए 42 हजार सीट टिकटों के जरिये बुक की जाती हैं।
इस बार कितनी झाकियां निकलेंगी?
परेड में 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां दिखाई जाएंगी। ये राज्य उत्तर प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, मणिपुर, मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, लद्दाख, तमिलनाडु, गुजरात, मेघालय, झारखंड और तेलंगाना हैं। इसके अलावा नौ केंद्र सरकार के नौ मंत्रालयों की झांकिया भी कर्तव्य पथ पर चलेगी। दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के रंगशाला में इन्हें अंतिम रूप दिया गया है।
स्मारक सिक्का और स्मारक टिकट
देश इस वर्ष अपने गणतंत्र की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है, इसलिए रक्षा मंत्रालय समारोह के दौरान एक स्मारक सिक्का और स्मारक टिकट जारी करेगा।
26 जनवरी को ही क्यों मनाते हैं गणतंत्र दिवस
भारतीय इतिहास में 26 जनवरी का दिन काफी महत्वपूर्ण है। 26 जनवरी, 1950 के ही दिन हमारा संविधान लागू हुआ था। हमारे संविधान को बनाने में 2 साल, 11 महीने 18 दिन लगे थे। आजादी के बाद 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा ने संविधान को अपनाया था लेकिन इसे आधिकारिक तौर पर 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था। अब सवाल उठता है कि आखिर 26 जनवरी के दिन ही संविधान को क्यों लागू किया गया। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 26 जनवरी, 1930 के दिन ही देश को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। ऐसे में इस दिन को यादगार बनाने के लिए इसके ठीक 20 साल बाद 26 जनवरी, 1950 के दिन संविधान को लागू किया गया।