शाहजहांपुर। शाहजहांपुर में एटीएम का स्विच बंद कर बैंक को चपत लगाने वाले हरदोई निवासी तीन युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। तीनों महंगे शौक पूरे करने के लिए गिरोह बनाकर वारदात कर रहे थे। वे बदायूं, बरेली, पीलीभीत व हरदोई में भी घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं।
फरार चार अन्य साथियों की भी पुलिस तलाश कर रही है।
सदर बाजार स्थित पंजाब एंड सिंध बैंक के प्रबंधक अनिमेष अंचल ने एटीएम से 99 हजार रुपये चोरी होने का मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद एसओजी व सर्विलांस सेल ने उन एटीएम के सीसीटीवी फुटेज देखे, जिसमें घटना दर्शायी गई थी। फुटेज में दो संदिग्ध युवक नजर आए। विवेचना में सामने आया कि युवक एटीएम से रुपये निकालने के दौरान ट्रांजेक्शन की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद मशीन के पीछे लगे स्विच को बंद कर देते थे, फिर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराते थे कि बिजली जाने से रुपये नहीं निकले।
तीन आरोपी गिरफ्तार, चार फरार
शिकायत के 24 घंटे के अंदर रुपये उनके खाते में वापस आ जाते थे। शनिवार रात मुखबिर की सूचना पर पुलिस टीम ने रेलवे स्टेशन के पास इस तरह की वारदात करने की योजना बना रहे गिरोह के सदस्यों की घेराबंदी की, जिसमें चार युवक अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे, जबकि तीन को गिरफ्तार कर लिया गया।
एसपी सिटी संजय कुमार ने बताया कि पुलिस ने हरदोई के पवन कुमार निवासी सिमरा चौराहा थाना सुरसा व इसी जिले के सचिन कुमार ग्राम अब्दुल्लापुर थाना सुरसा और जितिन मिश्रा ग्राम बम्होरा थाना परौर को गिरफ्तार किया। उनके पास से विभिन्न बैंकों के नौ डेबिट कार्ड, 80 हजार रुपये व तीन मोबाइल फोन बरामद हुए।
एक साल से कर रहे थे वारदात
पवन व सचिन हरदोई के एक कॉलेज में 12वीं के छात्र हैं। जबकि, जितिन इंटरमीडिएट के बाद पढ़ाई छोड़ चुका है। सदर इंस्पेक्टर रवींद्र सिंह के अनुसार, वह एक साल से वारदात को अंजाम दे रहे थे। गिरोह के सात लोगों में प्रत्येक आरोपी ने 60 से 70 हजार रुपये खाते में आने की बात स्वीकारी है। रुपये आने के बाद महंगे मोबाइल फोन भी खरीद लिए थे। पुलिस के अनुसार, पवन के पास से 50 हजार रुपये का मोबाइल फोन भी मिला है। सचिन की जेब से बरामद मोबाइल की कीमत 20 हजार रुपये है।
दिल्ली से सीखा, फिर गांव आकर बनाया गिरोह
पुलिस की घेराबंदी के दौरान हरदोई जिले के थाना बेहटा गोकुल के टोडरपुर सैदपुर निवासी विजय, राम खिलावन, अनुज व अनूप पाल भागने में सफल रहे। गिरोह का मास्टरमाइंड अनूप पाल है। दो साल पहले वह दिल्ली से एटीएम का स्विच बंद कर बैंक को चपत लगाने की तकनीक वहां किसी युवक से सीखकर आया था, फिर उसने गांव के अन्य युवकों को इसके बारे में बताकर गिरोह बना लिया।
ऑनलाइन खुलवाते थे खाता, एक बार में दस हजार निकालते थे
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह ऑनलाइन खाता खुलवाते थे। उसमें केवाईसी की जरूरत नहीं पड़ती थी। उसमें कुछ रुपये डालने के बाद खेल शुरू कर देते थे। एक बार में दस हजार रुपये ही निकालते थे। आसपास के कई जिलों में उन्होंने घटनाओं को अंजाम दिया था। पंजाब एंड सिंध बैंक के अलावा कई अन्य बैंकों को भी उन्होंने निशाना बनाया है। हालांकि, दूसरी बैंकों की ओर से अभी शिकायत नहीं की गई है।