बजट भावी पीढ़ी के लिए जरूरी सुधार लाने की सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जो दीर्घकालिक प्रगति और विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। ये सुधार विभिन्न सेक्टरों में उत्पादकता, क्षमता और समावेशिता को बढ़ाने के लिए डिजाइन किए गए हैं, ताकि सुनिश्चित हो सके कि भारत प्रगति की दिशा में यूं ही आगे चलता रहे।
उत्पादकता में सुधार और बाजार दक्षता को बढ़ाने पर केंद्रित ये सुधार नए व पुराने व्यवसायों के पनपने और नई नौकरियों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करेंगे। ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में भूमि सुधार, जिसमें विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या का आवंटन व कैडस्ट्रल मानचित्रों का डिजिटलीकरण शामिल है, भूमि प्रशासन और पारदर्शिता में सुधार करेगा। शहरी क्षेत्रों में, संपत्ति रिकॉर्ड प्रशासन के लिए जीआईएस मैपिंग और आईटी-आधारित प्रणाली वित्तीय पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ाएगी। ये सुधार भूमि परिसंपत्तियों की क्षमता को अनलॉक करेंगे, जिससे उन्हें विकास व निवेश के लिए अधिक सुलभ बनाया जा सकेगा। इंटीग्रेटेड ई-श्रम पोर्टल से सेवाओं की विस्तृत शृंखला का प्रावधान नौकरी चाहने वालों को मालिकों और स्किल प्रोवाइडर्स से जोड़ेगा। श्रम सुविधा और समाधान पोर्टलों को नया रूप देने से अनुपालन और व्यापार करने में आसानी में सुधार होगा। ये सुधार श्रम बाजार को और अधिक गतिशील बनाएंगे। भविष्य की चुनौतियों से निपटने को वित्तीय क्षेत्र के लिए विजन और रणनीति दस्तावेज तैयार किया जाएगा।
यह दूरदर्शी दस्तावेज है, जो अगली पीढ़ी के सुधारों को प्राथमिकता देता है। यह सरकार को आर्थिक विकास के लिए व्यापक दृष्टिकोण की रूपरेखा पेश करेगा और उच्च विकास को बनाए रखने के लिए मंच तैयार करेगा। भूमि, श्रम, पूंजी और प्रौद्योगिकी जैसे प्रमुख सेक्टर पर फोकस करता हुआ यह बजट दीर्घकालिक समृद्धि के लिए मजबूत के साथ लचीली अर्थव्यवस्था की नींव रखता है।
निवेशकों को आकर्षित करेगा डिजिटलीकरण
जन विश्वास 2.0 और राज्यों को उनके व्यवसाय सुधार कार्य योजनाओं और डिजिटलीकरण प्रयासों को लागू करने के लिए प्रोत्साहन समेत अधिक निवेश आकर्षित करेंगे। व्यापार में आसानी में सुधार से नियामक बोझ कम होगा, जिससे कंपनियों के लिए व्यवसाय शुरू करना और संचालित करना आसान हो जाएगा। आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। सेक्टोरल डाटाबेस और टेक्नोलॉजी टूल्स से डाटा गवर्नेंस बढ़ाने से डाटा व सांख्यिकी के कलेक्शन, प्रोसेसिंग और प्रबंधन में सुधार होगा।
अर्थव्यवस्था को समावेशी गति
प्रगतिशील और संतुलित बजट। इसमें ग्रामीण विकास, कृषि, लघु उद्योगों, महिलाओं, रोजगार और कौशल विकास जैसे तमाम क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है। इससे अर्थव्यवस्था को समावेशी रफ्तार मिलेगी। विकास को गति देने के लिए पूंजीगत व्यय बढ़ाने पर भी पूरा जोर दिया गया है। कर राहत देकर रोजगार बढ़ाने के उपाय किए हैं। कर प्रणाली को और आसान बनाया गया है, जो स्वागत योग्य है।
-हर्षा वी अग्रवाल, उपाध्यक्ष एवं एमडी, इमामी लि.
बजट में जमीनी स्तर पर अर्थव्यवस्था को मजबूती देने का वादा किया गया है। रोजगार सृजन, कौशल विकास और लघु उद्योगों में निवेश से समावेशी आर्थिक विकास को मदद मिलेगी। कृषि योजनाओं और ग्रामीण विकास पर विशेष जोर है। विकसित भारत के नजरिये से आगे बढ़ते हुए ग्रामीण व शहरी विकास के लिए संसाधनों का आवंटन है और मजबूत अर्थव्यवस्था की दिशा तय की गई है।