नई दिल्ली । देश में 99 फीसदी कारों में आग से बचाव के लिए जिस केमिकल का उपयोग हो रहा है उससे कार सवारों को कैंसर का खतरा है। एनजीटी ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय सहित चार विभागों को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है। इससे पहले केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) इन केमिकल के असर की जांच करने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया था कि उसके पास आवश्यक सुविधा नहीं है।
व्यापक स्तर पर लोगों के स्वास्थ्य पर असर को देखते हुए एनजीटी एक रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले पर सुनवाई कर रहा है। एनजीटी के सामने यह जानकारी आई है कि सीट फोम और तापमान नियंत्रित रखने के लिए किए गए उपायों में इन केमिकल का उपयोग होता है। इससे लंबे समय तक कार में मौजूद रहने पर कार चालकों, खासतौर पर बच्चों को कैंसर होने का खतरा होता है।
एनजीटी को इस मामले में सीपीसीबी ने 10 सितंबर को रिपोर्ट देकर बताया कि केमिकल टीसीआईपीपी, टीडीसीआईपीपी और टीसीईपी की वजह से कैंसर हो सकता है या नहीं, इसकी जांच के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के पास ही संसाधन मौजूद हैं।
आठ सप्ताह में देना होगा जवाब
एनजीटी के चेयरमैन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायिक सदस्य जस्टिस अरूण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए सेंथिल वेल ने आदेश कर आठ सप्ताह में सभी को इस प्रकरण में जवाब देने के लिए कहा है। सीपीसीबी और आईसीएमआर के अलावा केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव, ऑटोमेटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रशासनिक प्रमुख, नेशनल ऑटोमेटिव टेस्टिंग एंड आरएंडडी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के प्रशासनिक प्रमुख और ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्डस (बीआईएस) के महानिदेशक नोटिस का जवाब अगली सुनवाई से पहले देना होगा।