मैनपुरी । उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में दरोगा की हत्या के मामले में बुधवार को फैसला आ गया। कोर्ट ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामूली कहासुनी के बाद हुई फायरिंग में गोली लगने से दरोगा की मौत हो गई थी। मुकदमे की सुनवाई के बाद जिला जज सुधीर कुमार ने अभियुक्त को दोषी पाया।
आजीवन कारावास के साथ 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
घटना भोगांव थाना क्षेत्र के गैंती गांव की है। गांव निवासी राधाकृष्ण यादव फर्रुखाबाद जिले में पुलिस विभाग में दरोगा के पद पर तैनात थे। वह 28 अप्रैल 2020 को अपनी पत्नी अनीतादेवी के साथ गांव में अपने घर के बाहर बैठे थे। उसी समय गांव के कश्मीर सिंह, अंकित यादव, हरदेव यादव, मंजीत यादव, गोविंद यादव उनके घर पहुंचे।
बेटे ने दर्ज कराई थी एफआईआर
इस दौरान दोनों पक्षों के बीच हुए विवाद के बाद कश्मीर सिंह पक्ष के लोगों ने फायरिंग कर दी। फायरिंग की चपेट में आने से राधाकृष्ण और अनीता देवी घायल हो गए। राधाकृष्ण की सैफई में उपचार के दौरान मौत हो गई। राधाकृष्ण के पुत्र गौरव ने पांचों लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी।
पांचों लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल
पुलिस ने जांच करके पांचों लोगों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में भेज दी। मुकदमे की सुनवाई जिला जज सुधीर कुमार की कोर्ट में हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से वादी, विवेचक, चिकित्सक सहित गवाहों ने कोर्ट में गवाही दी। गवाही के आधार पर कश्मीर सिंह यादव को दरोगा की हत्या करने का दोषी पाकर 16 फरवरी को जेल भेज दिया गया था।
30 हजार का जुर्माना भी लगाया
बुधवार को बहस करके डीजीसी फौजदारी वीरेंद्र कुमार मिश्रा तथा एडीजीसी विक्रम सिंह कश्यप ने दोषी को कड़ी सजा देने की दलील दी। जिला जज ने कश्मीर सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उस पर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
चार आरोपी पहले हो चुके बरी
पुलिस द्वारा भेजी गई चार्जशीट के बाद जिला जज के न्यायालय में मुकदमा चला। अंकित यादव, हरदेव यादव, मंजीत यादव, गोविंद यादव के खिलाफ दरोगा की हत्या का आरोप साबित नहीं हो सका। बचाव पक्ष के वकील महेंद्र कुमार भारद्वाज की दलीलों के बाद जिला जज सुधीर कुमार ने अंकित यादव, हरदेव यादव, मंजीत यादव, गोविंद यादव को 16 फरवरी को ही बरी कर दिया है।