जेनेवा । दुनियाभर में एमपॉक्स वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एमपॉक्स को लेकर एक बार फिर चेतावनी दी है। स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि शारीरिक संपर्क की तुलना में ड्रॉपलेट्स (लार की बूंदे) वायरस को फैलाने का एक मामूली जरिया है। साथ ही डब्ल्यूएचओ ने वायरस कैसे फैलता है, उस पर और अधिक शोध करने की जरूरत पर जोर दिया।
सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ने 14 अगस्त को तेजी से फैल रहे एमपॉक्स वायरस (जिसे पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था) को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था। मुख्य रूप से, वायरस के दो अलग-अलग समूह एलए और एलबी, डीआरसी में महत्वपूर्ण चिंता पैदा कर रहे हैं। एक तीसरा संस्करण क्लेड II नाइजीरिया में पाया गया और 2022 में शुरू हुए वैश्विक प्रकोप के लिए जिम्मेदार है।
क्या है एमपॉक्स?
डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट के अनुसार, एमपॉक्स वायरस एक ऑर्थोपॉक्स वायरस है, जो चेचक के समान लक्षणों वाली बीमारी है, हालांकि कम गंभीर है।
इस देश से फैलना शुरू हुआ मंकीपॉक्स
मौजूदा समय में दुनिया भर के देशों में इस बीमारी के मामले सामने आ रहे हैं। वहीं, मंकीपॉक्स की शुरुआत अफ्रीका के कांगो से शुरू हुई। इस देश से ये वायरस दूसरे देशों में अपने पांव पसार चुका है। कांगो में मंकीपॉक्स के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और इसे रोकने के लिए अफ्रीका द्वीप पर वैक्सीन भी थोड़ी ही मौजूद है।
लक्षण पहचानने जरूरी: मंकीपॉक्स के लक्षणों के बारे में पता होना चाहिए, ताकि आप समय रहते डॉक्टर से संपर्क कर सकें। आप नीचे देख सकते हैं कि
मंकीपॉक्स के लक्षण क्या हैं...
तेज बुखार आना
मांसपेशियों और पीठ में दर्द होना
तेज सिर दर्द और सूजन होने पर
बुखार कम होने पर शरीर में चकत्ते हो जाना
एमपॉक्स के बने रहने की अवधि पांच से 21 दिनों तक हो सकती है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, बुखार आमतौर पर एक से तीन दिनों तक रहता है। इसके बाद शरीर पर दाने होने लगते हैं, जो दो से चार सप्ताह तक रह सकते हैं।
एमपॉक्स कैसे फैलता है?
घावों के सीधे संपर्क में आने से: संक्रमित व्यक्ति के घावों को छूने से या उनसे निकलने वाले द्रवों के संपर्क में आने से यह वायरस फैल सकता है।
संक्रमित वस्तुओं के संपर्क में आने से: संक्रमित व्यक्ति द्वारा छुए गए कपड़े, बिस्तर, बर्तन या अन्य वस्तुओं के संपर्क में आने से भी यह वायरस फैल सकता है।
मां से बच्चे में: गर्भावस्था के दौरान या प्रसव के समय संक्रमित मां से बच्चे में यह वायरस फैल सकता है।
शारीरिक संबंध: यौन संबंध के दौरान भी यह वायरस फैल सकता है।
क्या बोलीं डब्ल्यूएचओ की प्रवक्ता ?
हालांकि, डब्ल्यूएचओ की प्रवक्ता मार्गरेट हैरिस ने आज कहा कि अगर वायरस वाले व्यक्ति के शरीर पर घाव हैं, यदि आप किसी से करीब से बात कर रहे हैं, किसी के सामने सांस ले रहे हैं, शारीरिक संपर्क में आ रहे तो वायरस फैलने की संभावना है। मगर वायरस के फैलने के लिए यह सब मामूली जरिया हैं।
उन्होंने आगे कहा, 'जब आप किसी से बात कर रहे होते हैं, तो उस समय कुछ डॉपलेट्स थूक रहे होते हैं, लेकिन यह वायरस फैलने का एक बहुत कारण नहीं है। यहां तक कि हवा के माध्यम से या दूर से बात करना भी वायरस फैलने का कारण नहीं है।'
डब्ल्यूएचओ एमपॉक्स वाले लोगों, उनके करीबी संपर्कों और उनका इलाज करने वाले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए फेसमास्क के इस्तेमाल की सलाह देता है।
क्या एमपॉक्स की वैक्सीन है?
एमपॉक्स से लड़ने के लिए डब्ल्यूएचओ द्वारा बताई गई वैक्सीन है। हालांकि, केवल उन लोगों को टीका लगवाना चाहिए जो जोखिम में हैं। डब्ल्यूएचओ ने एमपॉक्स के खिलाफ बड़े पैमाने पर टीकाकरण की सिफारिश नहीं की है।
भारत कैसे लड़ने की तैयारी कर रहा?
भारत में वर्तमान में कोई सक्रिय एमपॉक्स मामले नहीं हैं। सरकार ने बांग्लादेश और पाकिस्तान के साथ हवाई अड्डों, बंदरगाहों और सीमाओं में अधिकारियों को आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के बारे में सतर्क रहने का आदेश दिया है। दरअसल, इन देशों में वायरस के मामले सामने आए हैं।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने भारत में संभावित एमपॉक्स मामलों से निपटने के लिए प्रोटोकॉल जारी किए हैं। विभिन्न सरकारी अस्पतालों को एमपॉक्स के संदिग्ध और पुष्ट मामलों के लिए आइसोलेशन रूम स्थापित करने का निर्देश दिया गया था।