बरेली। ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष दसवीं में मनाया जाने वाला गंगा दशहरा इस बार 16 जून रविवार को मनाया जाएगा। इस बार तो गंगा दशहरा पर चार शुभ योग का निर्माण हो रहा है। जिससे इस पर्व का महत्व कई गुना अधिक रहेगा। इस दिन पूजा-पाठ, दान-पुण्य का बहुत ही महत्व होता है।
ज्योतिषाचार्य पंडित मुकेश शर्मा ने बताया कि पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 15-16 जून की रात 2:32 बजे पर शुरू हो रही है। इस तिथि का समापन 17 जून सुबह 4:40 बजे पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, गंगा दशहरा पर्व 16 जून रविवार के दिन मनाया जाएगा।
गंगा दशहरा के दिन हस्त नक्षत्र सुबह 11:13 बजे तक रहेगा। इसके बाद चित्रा नक्षत्र शुरू हो जाएगा। पंचांगों के अनुसार इस साल गंगा दशहरा के दिन कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस विशेष दिन पर सर्वार्थ सिद्धि, रवि, वरियान और अमृत सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है, जिन्हें पूजा-पाठ के लिए उत्तम माना जा रहा है।
धरती पर हुआ था गंगा माता का अवतरण
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां गंगा का अवतरण हुआ था। इसलिए इस पर्व को मां गंगा के अवतरण दिवस के रूप में भी मनाते हैं। गाथाओं के अनुसार गंगा माता को धरती पर लाने के लिए भागीरथ ने अनेक प्रयास किए थे। जिस दिन गंगा माता धरती पर अवतरित हुई थी, उस दिन ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी थी। इसी दिन से गंगा दशहरा को गंगा माता के अवतरण दिवस के रूप में पूजा जाने लगा।
करें दान-पुण्य
गंगा दशहरा के दिन दान करने का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि दान-पुण्य करने से व्यक्ति सभी संकटों से छुटकारा पा सकता है और कुंडली में बने ग्रह दोष से मुक्ति भी इस दिन पूजा-पाठ से मिल जाती हैं। व्यक्ति के बिगड़े काम भी बनने लगते हैं। इस दिन जल अन्न, फल वस्त्र, पूजन व सुहाग सामग्री नमक, तेल, गुड़ और स्वर्ण दान करना चाहिए। इस दिन शरबत पिलाने से भी अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है।