बिहार के युवाओं के लिए अच्छी खबर है, जो उम्मीदवार यूपीएससी और बीपीएससी परीक्षा की तैयारी करना चाहते हैं। लेकिन, आर्थिक तंगी के कारण अपने सपनों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। वो इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए अभ्यर्थियों को आधिकारिक वेबसाइट (state.bihar.gov.in) के माध्यम से आवेदन करने होगा
इस योजना के तहत छात्रों को मासिक आर्थिक सहायता और अन्य सुविधाएं भी दी। कोचिंग क्लास में भाग लेने वाले स्थानीय छात्रों को प्रति छात्र 1500 रुपये का मासिक वजीफा दिया जाएगा, जबकि बाहरी छात्रों को 3000 रुपये का मासिक वजीफा दिया जाएगा। वजीफा कोर्स की अवधि तक या एक वर्ष के लिए, जो भी कम हो, दिया जाएगा। प्रत्येक छात्र को वजीफा सीधे मंत्रालय द्वारा डीबीटी के माध्यम से दिया जाएगा।
कौन कर सकता है आवेदन?
इस योजना का लाभ केवल वही उम्मीदवार उठा सकते हैं, जो बिहार राज्य का स्थायी निवासी है और आवेदक पिछड़ा वर्ग या अति पिछड़ा वर्ग का सदस्य होना चाहिए। इसके अलावा, उनके माता-पिता की वार्षिक आय 3,00,000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए और अभ्यर्थियों के पास संबंधित परीक्षा की तैयारी के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता होनी चाहिए।
परीक्षा तिथि
इसके लिए प्रवेश परीक्षा की संभावित तिथि 16 फरवरी 2025 है। फ्री यूपीएससी कोचिंग के लिए 40 प्रतिशत सीटे पिछड़े वर्गों के लिए और 60 प्रतिशत सीटें अत्यंत पिछड़े वर्गों के लिए अनुमानित हैं।
कुल चयनित छात्रों में से 40% छात्रों को कक्षा 12वीं की पात्रता वाली प्रतियोगी परीक्षाओं (जैसे NEET, JEE, CLAT आदि) के लिए चुना जाएगा, जबकि शेष 60% छात्रों को स्नातक (CAT, सिविल सेवा परीक्षा आदि) की पात्रता वाली प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए चुना जाएगा।
योजना का उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य डीएनटी उम्मीदवारों को अच्छी कोचिंग गुणवत्ता प्रदान करना है ताकि वे प्रतियोगी परीक्षाओं में उपस्थित हो सकें और सार्वजनिक/निजी क्षेत्र में उपयुक्त नौकरी प्राप्त करने में सफल हो सकें।