दिल्ली । राजधानी में बाढ़ से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने व्यापक स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। अगर हथिनीकुंड बैराज से एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जाता है, तो एजेंसियां तुरंत सक्रिय हो जाएंगी।
साथ ही, यमुना के खादर क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को जागरूक करने, जरूरत के आधार पर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम किया जाएगा। बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए राहत शिविर भी लगाए जाएंगे।
शुक्रवार को राजस्व मंत्री आतिशी और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री सौरभ भारद्वाज ने शीर्ष समिति की उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। इसमें एनडीआरएफ, पुलिस, सेना, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, पीडब्ल्यूडी, शहरी विकास, एमसीडी, जल बोर्ड, डीडीए, एनडीएमसी, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारी शामिल हुए। बैठक में मंत्रियों ने बाढ़ से निपटने के लिए विभागों की तैयारियों की समीक्षा की।
सभी विभागों को निर्देश दिए गए कि वे पिछले साल यमुना के बढ़ते जलस्तर के कारण दिल्ली में आई बाढ़ से सबक लें और खुद को पूरी तरह से तैयार रखें। बैठक के बाद आतिशी ने बताया कि पिछले साल दिल्ली में यमुना का जलस्तर 70 साल में सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया था। 17 जुलाई 2023 को यमुना खतरे के निशान से काफी ऊपर 208.66 मीटर पर पहुंच गई थी। इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। इस बार दिल्ली सरकार बाढ़ से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
24 घंटे काम करेगा कंट्रोल रूम
बाढ़ को ध्यान में रखते हुए पूर्वी दिल्ली के डीएम कार्यालय में 24 घंटे काम करने वाला कंट्रोल रूम बनाया गया है। इसमें बाढ़ से जुड़े सभी विभागों के अधिकारी 24 घंटे मौजूद रहते हैं। कंट्रोल रूम हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी को लेकर लगातार हरियाणा के सिंचाई विभाग के संपर्क में रहेगा। साथ ही, यमुना के बहाव क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में मौसम पर नजर रखेगा। बाढ़ की स्थिति में राहत के लिए संबंधित विभाग राहत और बचाव के लिए तैयार रहेंगे। इसके लिए जरूरत के आधार पर मोटर बोट, लाइफ जैकेट सहित अन्य व्यवस्थाएं की जाएंगी।
खोल दिए गए सभी गेट
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आईटीओ बैराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं। जो गेट नहीं खुले थे, उन्हें काट दिया गया है। पिछली बार इनके बंद रहने से बाढ़ की स्थिति बन गई थी। बरसात के मौसम में यमुना का जलस्तर बढ़ने की हमेशा संभावना बनी रहती है। पिछले माह यमुना से गाद निकालने को लेकर सभी विभागों की बैठकें हो चुकी हैं।
72 स्थायी पंपिंग स्टेशन व 465 मोबाइल पंप तैनात
जलभराव से निपटने के लिए एमसीडी ने 72 स्थायी पंपिंग स्टेशन और 465 मोबाइल सबमर्सिबल पंप तैनात किए गए हैं। इसके अलावा सभी 13 जोनों में जलभराव वाले संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त पोर्टेबल पंप तैनात किए हैं। निगम ने जानकारी दी है कि जोन उपायुक्त, वरिष्ठ अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रखा है।
जमीनी स्तर पर जलभराव की निगरानी के लिए बेलदार और सफाई कर्मचारियों की टीम लगाई गई है। एमसीडी ने सिविक सेंटर और सभी 12 जोनों में जलभराव नियंत्रण कक्ष चालू किए हैं। नियंत्रण कक्ष के लिए निर्धारित फोन नंबर पर फोन कर जलभराव, पेड़ों के गिरने और इमारतों को हुए नुकसान की शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
सिविक सेंटर नियंत्रण कक्ष नंबर : 155305
पश्चिमी जोन : 011-25191014, 011-251910162
रोहिणी जोन : 011-27042700, 011-27050132, 011-27050133
सिटी एसपी जोन : 011-23913773, 011-23913775
केंद्रीय जोन : 011-29812700, 011-2981222
शाहदरा दक्षिण जोन : 011-66667391, 011-66667392, 011-66667393, 011-66667394
शाहदरा उत्तर जोन : 011-22822700, 011-22831947
नरेला जोन : 011-27283261, 011-27283285, 011-27283783, 9953994518
केशव पुरम जोन : 011-27183146, 011-27183147
दक्षिणी जोन : 011-26517191, 011-26522700
करोल बाग जोन : 011-25812700, 011-25814341
सिविल लाइन जोन : 011-23942700, 011-23923392, 011-23923394
नजफगढ़ जोन : 011-28011235, 011-28018818, 011-28013283
जलभराव की निगरानी के लिए चार अफसर तैनात
राजधानी में जलभराव की निगरानी के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने चार अधिकारियों की तैनाती की है। इन अधिकारियों को अलग-अलग काम दिए गए हैं। इस संबंध में विभाग की विशेष सचिव शशांक आला ने आदेश जारी किया है।
तैनात किए गए अधिकारियों में शिव कुमार मिश्रा को जीपीएस मैपिंग, मोटर पंप की स्थिति आदि का काम सौंपा गया है। प्रमोद कुमार तोमर को क्यूआरटी वाहनों की निगरानी, जोन के हिसाब से विशेष टीम को जलभराव वाले स्थानों पर तैनात करने का काम दिया गया है। श्रवण कुमार को जलभराव का नोडल अधिकारी बनाया गया है।
उन्हें कंट्रोल सेंटर की निगरानी, दैनिक मानसून बुलेटिन तैयार करने, जलभराव के नए स्थानों की पहचान करने आदि का काम सौंपा गया है, वहीं महेश कुमार को जलभराव वाले स्थानों पर सीसीटीवी कैमरों की निगरानी करने का जिम्मा सौंपा गया है। बता दें कि विभाग ने दिल्ली आपातकाल कंट्रोल सेंटर स्थापित किया है। यहां पर 40 से अधिक स्थानों पर 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
इन स्थानों की हो रही विशेष निगरानी
प्रगति मैदान गेट नंबर छह, तिमारपुर रोड, राजीव गांधी अस्पताल रोड, लक्ष्मी नगर मेट्रो स्टेशन, पाम गार्डन शालीमार पैलेस लक्ष्मी विहार मेन बुराड़ी रोड, आइपी फ्लाईओवर अपोजिट एसपीए बिल्डिंग काॅर्नर और अपाेजिट एमएसओ बिल्डिंग, जेएलएन मार्ग निकट जाकिर हुसैन काॅलेज, मिंटो रोड, क्लस्टर बस डिपो के पीछे गुरुद्वारा रोड, राेड नंबर 102, 109 मयूर विहार, डाकघर कोटला रोड, खिचड़ीपुर गुरुद्वारा, रोड नंबर 63 सेवाधाम, बैंक कॉलोनी रोड, लोनी रोड एमआईजी फ्लैट, गुरुद्वारा रोड सीलमपुर, पुराना जीटी रोड, रोहतक रोड का स्वर्ण पार्क एफओबी, टीकरी बाॅर्डर, रामा रोड, जखीरा अंडरपास, कंझावला रोड राजीव नगर, बेगमपुर, कंझावला रोड वाई ब्लाॅक, 70 राेड नंबर किराड़ी, माल रोड विस्तार, जहांगीरपुरी व आदर्श नगर मेट्रो स्टेशन, नरेला बवाना रोड, पल्ला रोड, पुराना जीटीके रोड, पूठ गांव, पीटीसी अधचिनी, एंड्रूजगंज फ्लाईओवर समेत कई स्थानों पर जलभराव हो रहा है। यहां पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
बाढ़ आने से पहले डीडीए अलर्ट, अधिकारी तैनात
राजधानी में बीते साल यमुना की बाढ़ से सबक लेते हुए डीडीए इस बार बारिश शुरू होने के साथ ही सतर्क हो गई है। सभी अधिकारियों की छुट्टियां निरस्त करते हुए प्राधिकरण ने अलर्ट पर डाल दिया है। छुट्टी पर गए अधिकारियों को ड्यूटी पर बुलाया है। अधिकारियों को निर्देशहै कि वह यमुना नदी के जलस्तर की निगरानी करने के साथ-साथ जलभराव की समस्या को रोकने के लिए एहतियातन जरूरी इंतजाम करें।
डीडीए ने इस बार बाढ़ के खतरों को कम करने और लोगों को सुरक्षित रखने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उसने बाढ़ व जलभराव की स्थिति होने से रोकने के खासतौर पर इंजीनियरिंग विभाग को तैयार रहने और सभी एहतियाती व निवारक उपाय करने के निर्देश दिए हैं। विभाग को बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए उपकरणों और कर्मचारी तैयार करने का भी आदेश दिया गया है।
वहीं, लैंडस्केप और बागवानी विभागों को यमुना नदी के जलस्तर की निगरानी करने और जलभराव की समस्या को रोकने के लिए एहतियाती उपाय करने के निर्देश दिए हैं। उसने सबवे, अंडरपास के सभी वाटर पंप चालू हालत में रखने का भी फरमान दिया है।