अयोध्या । राममंदिर निर्माण के साथ सजती संवरती सरयू नगरी आस्था और अध्यात्म के साथ देश की अर्थव्यवस्था का भी प्रमुख केंद्र बनेगी। न सिर्फ पर्यटन, बल्कि जिस तरह से नए-नए प्रोजेक्ट अयोध्या में आ रहे हैं, वह यूपी के विकास को पंख लगाने वाले हैं।
पर्यटन विभाग के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2021 में जहां पौने तीन लाख पर्यटक ही पहुंचे थे, वहीं साल भर में ही यानी 2022 में आंकड़ा 85 गुना बढ़कर 2.39 करोड़ पहुंच गया। वहीं, कारोबार के नजरिये से देखें तो प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देशभर में जिस तरह का उत्साह नजर आ रहा है, विशेषज्ञों के अनुसार रामलला से जुड़ी सामग्री के दम पर ही 50 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यापार होगा।
राम मंदिर समिति ने भी भक्तों की आस्था को समझते हुए ऐसी व्यवस्था की है कि रोजाना 70 हजार भक्त दर्शन कर सकेंगे। पद्मनाभ स्वामी मंदिर, तिरुपति बालाजी, वैष्णोदेवी व सिद्धिविनायक मंदिर व काशी विश्वनाथ की तरह यहां भी भक्तों की सहूलियतों के लिए हर व्यवस्था की जा रही है। 5 अगस्त, 2020 को राममंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन के बाद से ही अयोध्या की दशा और दिशा में बड़ा बदलाव दिख रहा है। हजारों करोड़ की परियोजनाएं तो चल ही रही हैं, रामलला के सुलभ दर्शन के लिए रामपथ, भक्ति पथ और दर्शन पथ का निर्माण किया जा रहा है। कई मंदिरों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है, ताकि पर्यटक रामलला का दर्शन कर न लौट जाएं, बल्कि कुछ दिन अयोध्या में ही बिताएं। इसीलिए 84 कोसी परिक्रमा मार्ग और इसके आसपास करीब 60 धार्मिक स्थल बनाने का प्रस्ताव है।
अच्छा मॉडल लागू करना होगा
पर्यटन के नजरिये से अयोध्या देश-दुनिया के लिए बड़ा विकल्प बन गया है। यह अर्थव्यवस्था में बड़ा सहायक होगा। दक्षिण भारत मंदिरों जैसा मॉडल लागू करना होगा, ताकि भक्तों को दिक्कतें न हों। उनकी सुरक्षा, स्वास्थ्य, भोजन को लेकर मापदंड तय करने होंगे। सरकार को लघु कुटीर उद्योगों पर फोकस करना चाहिए, ताकि पर्यटक यहां की वस्तुएं खरीदंे और अयोध्या की पहचान साथ लेकर जाए। - प्रो. देवाशीष दास गुप्ता, भारतीय प्रबंध संस्थान, लखनऊ
अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका
आध्यात्मिक और भावनात्मक रूप के अलावा पर्यटन की दृष्टि से देश को बड़ा विकल्प मिला है। दो वर्षों में अयोध्या की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका होने वाली है। वहां के एयरपोर्ट को इसीलिए अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का दर्जा दिया गया है, ताकि दुनिया में हर जगह की उड़ान मिल सके। प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों को देखते हुए अनुमान है कि देश में 50 हजार करोड़ का अतिरिक्त व्यापार होगा। यहां हमें भरपूर संभावनाएं नजर आ रही हैं। - दिनेश गोयल, राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष, इंडियन इंडस्ट्रीज एसो.
भा रहे ये उत्पाद
अयोध्या ही नहीं, देशभर में रामलला से जुड़ी वस्तुएं मिल रही हैं। इसमें श्रीराम ध्वजा, श्रीराम अंगवस्त्र, चित्र से अंकित मालाएं, लॉकेट, चाबी के छल्ले, राम दरबार के चित्र, राममंदिर के मॉडल, सजावटी लटकनें, कड़े समेत बहुत कुछ हैं। कारोबारी वर्ग इसी में अवसर तलाश रहे हैं।