नई दिल्ली। अब अपराधी के फरार होने पर भी उसके खिलाफ सुनवाई नहीं रुकेगी। यह संभव होगा नए कानूनों के अस्तित्व में आने से। ऐसे में दामिनी फिल्म का डायलॉग तारीख पर तारीख बीते दिनों की बात बनकर रह जाएगा। अब सुनवाई के लिए मात्र दो तारीख होंगी।
देश के कानून भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत लाए जा रहे तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य कानून में ये व्यवस्था की गई है। गृहमंत्रालय ने देश के सभी राज्यों की पुलिस को बीपीआरएनडी ट्रेनिंग दिलवाना शुरू कर दिया है। दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस ने भी अपने अधिकारियों व जवानों को भी नए कानूनों को लेकर ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया है।
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि देश के बीपीआरएनडी, गृहमंत्रालय सभी राज्यों की पुलिस को भोपाल में ट्रेनिंग दिलवा रहा है। दिल्ली पुलिस के भी 44 अधिकारियों को यहां पर ट्रेनिंग के लिए भेजा गया है। कुल 50 पुलिस अधिकारियों को ट्रेनिंग में जाना था। इनमें एसीपी, डीसीपी व उनसे ऊपर के अधिकारी शामिल हैं। अब ये पुलिस अधिकारी दिल्ली पुलिस के अन्य अधिकारी व जवानों को प्रशिक्षण दे रहे हैं।
दिल्ली पुलिस अपनी एकेडमिक में नए कानूनों को लेकर ट्रेनिंग दे रही है। इस ट्रेनिंग में सब-इंस्पेक्टर, इंस्पेक्टर व सहायक पुलिस आयुक्त स्तर के अधिकारियों को प्रशिक्षण के लिए बुलाया जा रहा है। हर पुलिस स्टेशन से चार से छह जवानों को ट्रेनिंग के लिए बुलाया जा रहा है। जल्द ही दिल्ली पुलिस के सभी जवानों को नए कानूनों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
दिल्ली पुलिस अधिकारियों के अनुसार, अब हत्या के मामले में आरोपी को 60 दिन में कभी भी बुलाया जा सकता है। हालांकि 60 दिन में अपराधी को 15 दिन ही पूछताछ के लिए बुलाया जा सकेगा। पुराने कानूनों में हत्या के आरोपी को वारदात के 15 दिन के भीतर ही बुलाया जा सकता है।
अदालत अब दो तारीख ही दे सकेंगी
नए कानून में व्यवस्था में फास्ट ट्रायल के लिए समय तय कर दिया गया है। अदालत व पुलिस के लिए हर चीज का समय तय किया गया है। अदालत को अब 60 दिन में ट्रायल पूरा करना पड़ेगा। अदालत अब एक केस में सिर्फ दो तारीख ही दे सकेगा। तीसरी तारीख पर आरोपी नहीं आया तो केस आगे बढ़ जाएगा। अब आरोपी के नहीं आने पर केस को रोका या बंद नहीं किया जाएगा। आरोपी के आए बिना ही अदालत फैसला सुना देगी।
राष्ट्रपति ने स्वीकृति दे दी है
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद द्वारा पारित किए गए तीन नए आपराधिक न्याय विधेयकों को सोमवार यानी 25 दिसंबर को स्वीकृति प्रदान कर दी थी। अधिसूचना के अनुसार, कानून उस तारीख से लागू होंगे जब केंद्र सरकार आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना जारी करेगी और इस संहिता के अलग-अलग प्रावधानों के लिए अलग-अलग तारीखें तय की जा सकती हैं।
वीडियोग्राफी की जाएगी
ट्रेनिंग लेकर भोपाल से आए दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अब हर आपराधिक मामले में वीडियोग्राफी करवाई जाएगी। मौके पर फोरेंसिक एक्सपर्ट भेजे जाएंगे। प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों व अधिकारियों को ही घटना स्थल पर भेजा जाएगा।
पहले सभी केंद्रशासित प्रदेशों में लागू होंगे कानून
पहले ये कहा गया था कि ये कानून सबसे पहले चंडीगढ़ में लागू होंगे। अब सरकार ने कहा है कि नए कानून सभी केंद्र शासित प्रदेशों में एक साथ लागू होंगे। इनमें दिल्ली भी शामिल है। इसके बाद अन्य राज्यों में लागू किया जाएगा।
दिल्ली पुलिस ने नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के साथ करार किया है। इस यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ दिल्ली पुलिस अकादमी में आते हैं और नए कानून के बारे में पुलिस अधिकारियों को ट्रेनिंग देते हैं। साथ में दिल्ली पुलिस के विशेषज्ञ भी होते हैं। दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने भी नए कानूनों के मुख्य सार को संक्षिप्त में बताया है। ये वीडियो भी एक्स पर डाली गई है।
-सुमन नलवा, उपायुक्त प्रवक्ता, दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस अकादमी ने, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, द्वारका के सहयोग से, चरणबद्ध तरीके से सभी अधिकारियों को विशेष सीएसपी से लेकर दिल्ली पुलिस के कांस्टेबलों तक कवर करने के लिए अपने प्रशिक्षण मॉड्यूल को सावधानीपूर्वक डिजाइन किया है। नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ सत्र आयोजित कर रहे हैं।