नई दिल्ली । उत्तर पश्चिम और पूर्वी भारत के अलग-अलग हिस्सों में अभी और चार से पांच दिन लू की स्थिति बनी रहेगी, लेकिन इसकी तपिश कम रहेगी। इसके साथ ही पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ की स्थिति बन रही है और इसके प्रभाव से उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में 5-7 जून के दौरान कहीं-कहीं आंधी तूफान के साथ हल्की बारिश हो सकती है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, बीते 24 घंटे के दौरान पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पश्चिमी राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और पूर्वी मध्य प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में लू चली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अधिकतम तापमान 44.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से पांच डिग्री अधिक है।
वहीं, पूर्वी मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान में 3-4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट देखी गई। ओडिशा के आंतरिक हिस्से, विदर्भ, पंजाब के कुछ इलाकों में अधिकतम तापमान में 3 डिग्री और हरियाणा व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में 1-2 डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज की गई। रविवार को सबसे अधिक तापमान राजस्थान के श्रीगंगानगर में 45.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मंडी-ऊना में चली लू
हिमाचल प्रदेश में सोमवार को मंडी और ऊना में जहां लू चली, वहीं शिमला, धर्मशाला में बादल झमाझम बरसे। बिलासपुर में भी हल्की बारिश हुई। जिला कुल्लू के अनेक क्षेत्रों में हल्की बारिश हुई। कुल्लू और बंजार में अंधड़ भी चला। बंजार में पेड़ों की टहनियां तक टूट गईं। इससे गर्मी से कुछ राहत मिली। मंगलवार और बुधवार को प्रदेश के सभी क्षेत्रों में बारिश और अंधड़ का येलो अलर्ट जारी हुआ है। सात जून तक प्रदेश में मौसम खराब बना रहने का पूर्वानुमान है। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से प्रदेश के मौसम में बदलाव आने की संभावना है। प्रदेश के पांच क्षेत्रों में सोमवार को अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज हुआ।
ओडिशा में 3 दिन में 20 की मौत
भीषण गर्मी और लू की वजह से ओडिशा के विभिन्न क्षेत्रों में पिछले तीन दिनों में 20 लोगों की जान चली गई है। राज्य के विशेष राहत आयोग की ओर से जारी बबयान में कहा गया है कि विभिन्न जिलों में शुक्रवार से लू लगने से 99 लोगों की मौत की सूचना मिली थी। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इनमें से 20 लोगों के ही लू लगने से मौत की पुष्टि हुई है।
बंगलूरू में बारिश का 133 साल का रिकॉर्ड टूटा
बंगलूरू में एक दिन में सर्वाधिक बारिश का 133 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया है। महानगर में 2 जून को 111 एमएम वर्षा दर्ज की गई। इससे पहले, 16 जून, 1891 को एक दिन में सबसे अधिक वर्षा हुई थी। मौसम विभाग के स्थानीय केंद्र के वैज्ञानिक एन पुवीयारसन ने बताया महानगर में 2 जून को हुई बारिश जून के महीने में होने वाली औसत वर्षा 110.3 एमएम से भी अधिक है।
तटवर्ती आंध्र, कर्नाटक पहुंचा मानसून
आईएमडी ने बताया कि दक्षिण पश्चिम मानसून तेजी से आगे बढ़ रहा है। मानसून कर्नाटक के कुछ और हिस्सों, तटवर्ती आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, तेलंगाना कुछ हिस्सों तक पहुंच गया है। दक्षिण भारत के अन्य हिस्सों तक मानसून के पहुंचने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं। अगले चार-पांच दिनों में इसके दक्षिण छत्तीसगढ़, दक्षिण ओडिशा और उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी तक पहुंचने की संभावना है।
अल नीनो खत्म होने के कगार पर...अब ला-नीना लाएगा झमाझम बारिश
2023-24 में दुनिया भर में रिकॉर्ड तोड़ तापमान और चरम मौसम के हालातों को पैदा करने वाले अल नीनो के इस साल के आखिर तक ला-नीना में बदलने का अनुमान है। अल नीनो भारत में कमजोर मानसूनी हवाओं और शुष्क परिस्थितियों से जुड़ा है जबकि ला नीना उसका विरोधी है। बीते महीने भारत मौसम विज्ञान विभाग ने देश में मानसून के मौसम में सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान लगाया था और अगस्त-सितंबर तक अनुकूल ला नीना स्थितियां बनने की उम्मीद जताई थी। भारत के कृषि प्रधान देश होने की वजह से देश के लिए मानसून महत्वपूर्ण है।
जर्मनी के बॉन में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सत्र में डब्ल्यूएमओ प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे उप महासचिव बैरेट ने कहा कि अल नीनो के खत्म होने का मतलब यह नहीं है कि लंबे वक्त तक जलवायु परिवर्तन रुक जाएगा, क्योंकि हमारा ग्रह गर्मी को रोकने वाली ग्रीनहाउस गैसों की वजह से गर्म होता रहेगा। अगले महीनों के दौरान असाधारण रूप से समुद्री सतह का उच्च तापमान इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा।