नई दिल्ली। राज निवास के अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पिछले महीने विधानसभा द्वारा पारित दिल्ली माल और सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2023 को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा द्वारा पारित विधेयक का उद्देश्य वस्तु एवं सेवा कर के प्रावधानों पर केंद्रीय और राज्य विधानों के बीच एकरूपता सुनिश्चित करना है।
जीएसटी परिषद की बैठकों में की गई सिफारिशों के अनुसार, विधेयक में 'माल' शब्द और निश्चित समय सीमा और इनपुट टैक्स क्रेडिट का संदर्भ प्रदान करने के लिए दिल्ली माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 में संशोधन किया गया है। जीएसटी परिषद ने अपनी 47वीं, 48वीं और 49वीं बैठक में वित्त अधिनियम, 2023 के माध्यम से केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के प्रावधानों में विभिन्न संशोधनों की सिफारिश की।
विधेयक धारा 132 की उपधारा (1) में संशोधन करता है, ताकि अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर किया जा सके और आपूर्ति के बिना चालान जारी करने से संबंधित मामलों को छोड़कर अधिनियम के तहत अपराधों के लिए अभियोजन शुरू करने के लिए मौद्रिक सीमा को एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर दो करोड़ रुपये किया जा सके।