नई दिल्ली। केजरीवाल की जेल में वकीलों से हफ्ते में पांच बार मुलाकात करने देने की मांग का विरोध करते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि केजरीवाल जेल से सरकार चलाना चाहते हैं, उन्हें खास विशेषाधिकार नहीं दिए जा सकते। ईडी की दलील सुनने के बाद अदालत ने केजरीवाल की अर्जी पर आदेश सुरक्षित रख लिया।
केजरीवाल ने तर्क रखा कि चूंकि वह विभिन्न राज्यों में कई एफआईआर का सामना कर रहे हैं, बहुत सारे कानूनी काम होते हैं। इसलिए बैठकों की संख्या बढ़ाई जाए।
राउज एवेन्यू कोर्ट स्थित विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने दलीलों पर गौर करते हुए मामले में आदेश पारित करने की तारीख 9 अप्रैल तय की। ईडी के वकील जोहेब हुसैन ने कहा कि आवेदक सप्ताह में पांच बार कानूनी बैठक की मांग कर रहे हैं, जो स्पष्ट रूप से जेल मैनुअल के खिलाफ है।
मैनुअल के अनुसार सप्ताह में सिर्फ एक कानूनी मुलाकात की अनुमति है और विशेष परिस्थितियों में दो बार उन्हें मिलने दिया जा सकता है। वहीं आवेदक को पहले से ही दो मुलाकातें मिल रही हैं। अगर कोई जेल से सरकार चलाने का विकल्प चुनता है, तो उनके साथ असाधारण व्यवहार नहीं किया जा सकता है। एक अप्रैल को अदालत ने आबकारी नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री को 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेजा था। आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था।