नई दिल्ली । सीबीआई ने एचपीजेड टोकन एप से जुड़ी एक फर्जी निवेश योजना में केस दर्ज करने के बाद 10 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के करीब 30 स्थानों पर मंगलवार को राष्ट्रव्यापी छापेमारी की। सीबीआई की यह कार्रवाई देर रात तक चली। हालांकि, एजेंसी ने इसके बारे में बुधवार को जानकारी दी।
छापेमारी के दौरान एजेंसी ने लैपटॉप, मोबाइल, एटीएम और डेबिट कार्ड बरामद किए। साथ ही बड़ी संख्या में ईमेल खातों का पता लगाया। एजेंसी का आरोप है कि इस योजना में लोगों को 'क्रिप्टो करेंसी माइनिंग मशीन रेंटल' में निवेश करने के लिए गुमराह किया गया।
सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि दो निजी कंपनी शीगू टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड और लिलियन टेक्नोकैब प्राइवेट लिमिटेड और उनके निदेशकों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश) 419, 420 (धोखाधड़ी) और सूना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 66 डी के तहत केस दर्ज किया गया है।
इन राज्यों में सीबीआई ने की छापेमारी
सीबीआई ने दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान के जोधपुर, महाराष्ट्र के मुंबई, कर्नाटक में बंगलुरू और तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा और मध्य प्रदेश के करीब 30 स्थानों पर एकसाथ छापेमारी की। मामले की जांच में 150 बैंक खातों का पता चला, जिनका इस्तेमाल आरोपियों ने निवेशकों से पैसा इकट्ठा करने के लिए किया था।
क्रिप्टो करेंसी या फिर हवाला के जरिए भेजा जाता था पैसा
वहीं, सीबीआई ने बुधवार को कहा, भारत से अवैध रूप से बाहर भेजे जाने से पहले इस पैसे का इस्तेमाल शुरुआती तौर पर भरोसा जीतने के लिए किया जाता था। इस धन को अक्सर क्रिप्टो करेंसी में परिवर्तित किया जाता था या फिर हवाला लेनदेन के माध्यम से भेजा जाता था।
निवेश करने पर बड़े लाभ का किया जाता था वादा
वहीं, एजेंसी का आरोप है कि एपीजेड एक एप आधारित टोकन है, जो लोगों को बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टो करेंसी के लिए माइनिंग मशीन में निवेश करने से बड़े लाभ का वादा करता है।