दिल्ली । पीयूसी शुल्क में बढ़ोतरी की मांग को लेकर मंगलवार को भी पेट्रोल पंप स्थित प्रदूषण जांच केंद्र (पीयूसी) बंद रहे। दिल्ली सरकार फिलहाल पेट्रोल पंप संचालकों की मांग के अनुरूप जांच दरों में बढ़ोतरी करने को तैयार नहीं है।
मंगलवार को दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि हड़ताल की वजह से पेट्रोल पंपों पर पीयूसी जांच नहीं हो रही है। ऐसे में वाहन मालिक सरकार द्वारा अधिकृत केंद्रों पर पीयूसी जांच करा सकते है। इन स्थानों की लोकेशन परिवहन विभाग की वेबसाइट पर मौजूद है। उन्होंने बताया कि सोमवार को इन स्थानों पर 1375 और मंगलवार को 1464 वाहनों की पीयूसी जांच की गई।
मौजूदा समय में राजधानी में 400 से अधिक पेट्रोल पंपों पर 644 पीयूसी है। इन जगहों पर रोजाना औसतन 12 हजार से अधिक वाहनों की प्रदूषण जांच होती है। नई दर के अनुसार, दो पहिया व तीन पहिया वाहन से 80 रुपये, चार पहिया वाहन के 110 रुपये तथा डीजल वाहनों से 140 रुपये शुल्क तय किया गया है, लेकिन पेट्रोल पंप संचालक इस बढ़ोतरी से खुश नहीं है। उनकी मांग है कि इसे क्रमश: 150, 200 व 300 रुपये प्रति वाहन किया जाए। दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष निश्चल सिंघानिया का कहना है कि सरकार द्वारा हाल में की गई बढ़ोतरी 13 वर्ष बाद की गई है। तब से अब तक में पीयूयी संचालन का खर्च कई गुना बढ़ गया है।
प्रदूषण जांच केंद्र खोलने पर विचार कर रही सरकार
दिल्ली सरकार ने पेट्रोल पंपों पर स्थित प्रदूषण जांच केंद्र संचालकों की चल रही हड़ताल तक वाहन चालकों को अन्य अधिकृत प्रदूषण जांच केंद्रों का विकल्प अपनाने की अपील की है। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि दिल्ली में वाहनों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर सरकार कुछ और प्रदूषण जांच केंद्र खोलने पर विचार कर रही है।
प्रदूषण जांच केंद्र स्थापित करने के लिए ढाई बाई ढाई का एक केबिन चाहिए, ताकि उसमें मशीनें रखी जा सकें। इसके अलावा बिजली का कनेक्शन चाहिए। उन्होंने बताया कि प्रदूषण जांच केंद्र स्थापित करने की जगह देने के लिए आरडब्ल्यूए भी तैयार है। आने वाले समय में आरडब्ल्यूए के साथ ही अन्य व्यवसायिक केंद्रों से जल्द बातचीत शुरू की जाएगी।