नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में दूसरे राज्यों से ‘मौत’ के मांझे की डिलीवरी ने चिंता बढ़ा दी है। मांझा विक्रेता बेखौफ होकर धड़ल्ले से ऑनलाइन बिक्री कर रहे हैं। पंजाब, हरियाणा व उत्तर प्रदेश से प्रतिबंधित चीनी मांझे दिल्ली पहुंच रहे हैं।
ऑनलाइन वेबसाइट बनाकर यह खुलेआम अलग-अलग नामों से चीनी मांझा बेच रहे हैं। इसके लिए वह ऑनलाइन ऑर्डर ले रहे हैं। यही नहीं, मांझा विक्रेता इतने चौकस हैं कि वह किसी भी तरह पुलिस की पकड़ में न आएं इसके लिए डिजिटल पेमेंट स्वीकार नहीं कर रहे हैं, केवल कैश ऑन डिलिवरी कर रहे हैं।
ऐसे में आने वाले दिनों में मांझे से घायल लोग व पक्षियों की संख्या बढ़ सकती है। 15 अगस्त करीब है। इसके जश्न की तैयारियां चल रही हैं। आसमान में रंग-बिरंगी पतंगें उड़नी शुरू हो गई हैं। पतंगबाजी के दौरान इस मांझे की चपेट में आकर बीते वर्षों कई लोगों के जीवन की डोर टूट चुकी है। सबसे अधिक खतरा दो पहिया वाहनों को होता है।
सोशल मीडिया पर जागरूक कर रहे लोग : चीनी मांझे के खिलाफ सोशल मीडिया पर मुहिम चल रही है। लोग इसे इस्तेमाल न करने के लिए गुजारिश कर रहे हैं। जबकि, लोग एक-दूसरे को इस मांझे से बचने के लिए भी गुहार लगा रहे हैं। एक संदेश खूब वायरल हो रहा है। इसमें सभी दोपहिया वाहन चालकों से निवेदन किया है कि 15 अगस्त तक गले को रूमाल या किसी कपड़े से ढककर वाहन चलाएं।
इंडस्टि्रयल यूज के नाम पर बिक रहा प्रतिबंधित मांझा
कुछ लोग वेबसाइट बनाकर, तो कई लोग इसे सोशल मीडिया साइट पर खुलेआम बेच रहे हैं। ऑनलाइन चीनी मांझे की एक चरखी की कीमत करीब साढ़े पांच सौ रुपये से शुरू है। आलम यह है कि दुकानदार खरीदारों को पहले से ऑर्डर देने के लिए कह रहे हैं। वहीं, 15 अगस्त से पहले ऑर्डर लेने के लिए अधिक कीमत भी चुकानी पड़ रही है। इसी कड़ी में इंटरनेट पर लक्की पतंग सेंटर नाम से एक वेबसाइट है। यहां पतंग का सामान मिल रहा है। लेकिन, चीनी मांझे को इंडस्ट्रियल यूज के नाम पर भ्रमित कर बेचा जा रहा है।
इसका पता पंजाब का है, जोकि ऑनलाइन ऑर्डर ले रहा है। ओखला, जनकपुरी, तुर्कमान गेट समेत कई बाजारों में चोरी-छिपे चीनी मांझा कोड वर्ड में बिक रहा है। तुर्कमान गेट के एक दुकानदार कहते हैं कि चीनी मांझा मिल रहा है, लेकिन उसके लिए पहले से ऑर्डर देना होगा।
यह है चीनी मांझा
पतंग व मांझा विक्रेताओं के मुताबिक, चीनी मांझा नायलॉन के धागे में मैटेलिक पाउडर मिलाकर बनाया जाता है। नायलॉन के धागे पर कांच और लोहे को पीस कर धागे पर धार लगाई जाती है। ये प्लास्टिक जैसा दिखता है और स्ट्रेचेबल होता है। इसे खींचते हैं तो टूटने के बजाय बढ़ जाता है। इसे काटना मुश्किल होता है।