नोएडा । नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से परी चौक के बीच लाइट मेट्रो चलाने की तैयारी है। लखनऊ में हुई उच्च स्तरीय बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव रखा गया। इसकी स्टडी रिपोर्ट इंडियन पोर्ट रेल एंड काॅर्पोरशन तैयार करेगा।
लाइट मेट्रो और पॉड टैक्सी दोनों की रिपोर्ट का तुलनात्मक अध्ययन करने के बाद दोनों में से एक के संचालन का फैसला लिया जाएगा।
एयरपोर्ट तक बेहतर कनेक्टिविटी के लिए सरकार नए- नए विकल्प तलाश रही है। पॉड टैक्सी के साथ- साथ अब लाइट मेट्रो के विकल्प पर भी विचार शुरू हो गया है। इसकी स्टडी रिपोर्ट दो माह में तैयार होगी। पॉड टैक्सी की परियोजना पर पहले से ही काम चल रहा था। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर पॉड टैक्सी चलाने के लिए यमुना प्राधिकरण ने वैश्विक निविदा निकाली थी। हालांकि इसमें किसी कंपनी ने रुचि नहीं दिखाई है।
कंपनियों परियोजना का 40 फीसदी खर्च सरकार के वहन करने की मांग कर रही हैं। अधिकारियों ने यह सुझाव शासन स्तर रखा, लेकिन हाईब्रिड मॉडल पर बात नहीं बन पाई। इस बीच पिछले दिनों शासन स्तर पर हुई बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया कि पॉड टैक्सी के साथ- साथ लाइट मेट्रो की स्टडी रिपोर्ट भी तैयार कराई जाए।
लाइट मेट्रो के प्रोजेक्ट पर पॉड टैक्सी से ज्यादा खर्च
एयरपोर्ट और परी चौक के बीच बेहतर कनेक्टिविटी के लिए सरकार पॉड टैक्सी और लाइट मेट्रो दोनों का तुलनात्मक अध्ययन करने के बाद अंतिम निर्णय लेगी। लाइट मेट्रो के प्रोजेक्ट पर प्रति किमी का खर्च 250 करोड़ रुपये आएगा,जबकि पॉड टैक्सी का खर्च प्रति किमी 50 करोड़ रुपये आ रहा है। हालांकि दोनों की स्पीड में अंतर है। लाइट मेट्रो 80 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ती है, जबकि पॉड टैक्सी की रफ्तार 40 किमी प्रति घंटा होती है।
वृंदावन तक ले जाने की योजना
लाइट मेट्रो को भविष्य में आगरा व वृंदावन तक भी ले जाने की योजना है। सीमेंस कंपनी द्वारा हाई पॉवर कमेटी के समक्ष रखे गए प्रस्ताव में इस बात का जिक्र किया गया है।
नोएडा एयरपोर्ट और परी चौक के बीच बेहतर कनेक्टिविटी के लिए लाइट मेट्रो की स्टडी रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। पॉड टैक्सी और लाइट मेट्रो की स्टडी रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद संचालन का फैसला लिया जाएगा।