दिल्ली । आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस ने तिलक नगर में नकली वीजा बनाने वाले गिरोह का खुलासा किया है। नकली वीजा के जरिये यात्री को विदेश भेजने के मामले में एक यात्री व पांच एजेंटों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस मुख्य आरोपी मनोज मोंगा तक पहुंची। तिलक नगर का रहने वाला मनोज डेस्कटॉप पब्लिशिंग में डिप्लोमा है।
उसको कोरल ड्रा, फोटोशॉप व ग्राफिक डिजाइनिंग में महारत हासिल है।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, गांव दीवाना रोहतक निवासी संदीप 2 सितंबर को रोम (इटली) जाने के लिए दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचा। उसके पास पासपोर्ट था। आव्रजन अधिकारियों ने यात्रा दस्तावेज की जांच की जिसमें संदीप के पासपोर्ट पर नकली स्वीडिश वीजा चिपका मिला।
पुलिस ने संदीप को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो उसने बताया कि उसने गांव के मनजोत के जरिये एजेंट आशिफ अली से मुलाकात की थी। एजेंट ने 10 लाख रुपये लेकर उसे इटली भेजने का आश्वासन दिया। उसने एजेंट को 7.50 लाख रुपये अग्रिम राशि दी।
पुलिस ने यात्री की निशानदेही पर एजेंट आशिफ अली और उसके सहयोगियों नवीन राणा और शिव गौतम को गिरफ्तार कर लिया। उसके बाद एजेंट बलबीर सिंह व जसविंदर सिंह को गिरफ्तार किया गया।
जसविंदर से पूछताछ के बाद मुख्य आरोपी मनोज की गिरफ्तारी हुई। मनोज अपने घर में ही कई देशों के नकली स्टिकर वीजा बनाने का काम करता था। पुलिस ने घर से नकली वीजा बनाने वाले उपकरणों के अलावा विभिन्न देशों के नकली स्टाम्प व 30 नकली वीजा स्टिकर, 16 नेपाली और भारतीय पासपोर्ट भी जब्त किए हैं।