नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के छह अस्पतालों में खराब गुणवत्ता के चिकित्सा उपकरण सप्लाई करने के मामले में उपकरण बनाने वाली कंपनियों पर भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) का शिकंजा कसेगा। एसीबी कंपनियों की कुंडली खंगालने में जुटी हुई है।
एसीबी यह पता कर रही है कि किन और कितनी कंपनियों के उपकरण अस्पतालों में सप्लाई हुए। इन उपकरणों की गुणवत्ता की जांच किस लैब या संस्था ने की। साथ ही इन्हें अस्पतालों में सप्लाई करने की अनुमति कैसे मिली। जांच में यह भी पता चला है कि छह नहीं, बल्कि दिल्ली-एनसीआर के कई और अस्पतालों में भी खराब गुणवत्ता के चिकित्सा उपकरण सप्लाई हुए हैं।
एसीबी के सूत्रों ने बताया कि छह अस्पतालों लोक नायक, एलबीएस, डीडीयू, एसजीएम, जेएसएस और जीटीबी से उपकरणों की खरीद से संबंधित दस्तावेज जब्त किए हैं। इन अस्पतालों में कई वर्षों से 13 फर्मों एमएस ब्र्रिज टेक्सटाइल, यत्र: सर्जिकल, वी सेल्यूसन, एसके सर्जिकल, वृष्टि टेक्नोलॉजीज, सन्नी इंटरप्राइसेस, एमएस दुर्गा सर्जिकल, एमएस भीखी सर्जिकल, भावना इंटरप्राइसेस, एमएस एसएस इंटरप्राइसेस, हाई टेक मेडिक्स प्राइवेट लिमिटेड, हाई केयर ग्लोव्स और जींद सर्जिकल ने उपकरण सप्लाई किए।
इन फर्मों से भी एसीबी ने कई दस्तावेज जब्त किए हैं। पता चला है कि इन फर्मों ने छह अस्पतालों के साथ ही दिल्ली-एनसीआर के कई अन्य अस्पतालों में भी चिकित्सा उपकरण सप्लाई किए हैं। यह फर्म अलग-अलग उपकरण निर्माता कंपनियों से उपकरण लेती थीं। अधिकारियों का कहना है कि ऐसे में यह पता लगाना जरूरी है कि किन-किन कंपनियों के उपकरण अस्पतालाें में सप्लाई हुए और इन उपकरणों की गुणवत्ता की जांच किस लैब और संस्था ने की। साथ ही अस्पतालाें में सप्लाई के लिए उपकरणों को पास कैसे किया गया।
करोड़ों में हुआ भुगतान
अधिकारियों ने बताया कि जिन फर्मों द्वारा अस्पतालों में चिकित्सा उपकरण सप्लाई किए गए हैं, उन्हें भुगतान करोड़ों में किया गया है। सभी छह अस्पतालों में उपकरणों की खपत अधिक होती है। ऐसे में सप्ताह में दो बार उपकरण सप्लाई किए जाते थे। एक बार सप्लाई किए गए उपकरण का भुगतान 25 से 30 लाख रुपये का प्रत्येक अस्पताल से हुआ है। इस तरह इन फर्मों को करोड़ों रुपये का भुगतान किया गया है।
पांच जनवरी को दर्ज की गई एफआईआर
गत पांच जनवरी को इस मामले में दिल्ली सरकार के डिप्टी सेक्रेटरी हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर विभाग की शिकायत पर एसीबी में भ्रष्टाचार की विभिन्न धाराओं में एफआइआर दर्ज की गई थी।