नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर आतिशी ने कहा कि केजरीवाल ने नवनिर्वाचित विधायकों को लोगों की सेवा करने और उनकी समस्याओं का समाधान करने का निर्देश दिया। दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने
रविवार को नवनिर्वाचित विधायक सहित दूसरे नेताओं के साथ बैठक की। बैठक के दौरान केजरीवाल ने सभी को मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाने का आदेश दिया। साथ ही पार्टी को आगे मजबूत रखने को कहा।
हम भाजपा की जवाबदेही तय करेंगे'
बैठक के बाद पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि पार्टी के सभी विधायकों को एक मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाने के साथ-साथ उन्हें अपने क्षेत्र की जनता की सेवा में जुटने का निर्देश दिया गया है। आम आदमी पार्टी यह सुनिश्चित करेगी कि भाजपा अपने वादे के अनुसार पहली कैबिनेट बैठक में महिलाओं को 2500 रुपए प्रतिमाह देने की स्कीम पास कर 8 मार्च तक उनके खाते में डाले। हम भाजपा की जवाबदेही भी तय करेंगे कि दिल्लीवालों को 200 यूनिट बिजली, सभी सुविधाओं के साथ सरकारी स्कूल, मोहल्ला क्लीनिक और अस्पतालों में सुविधाएं पहले की तरह मिलती रहेगी। इस बैठक में सांसद संजय सिंह, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) व सांसद डॉ. संदीप पाठक और दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय समेत अन्य नेता शामिल हुए।
किया जा रहा है हार का विश्लेषण
आतिशी ने कहा कि चुनाव परिणामों को लेकर अभी विश्लेषण जारी है। इसमें पार्टी के हार के कारणों पर चर्चा होगी। पार्टी जनता के जनादेश का सम्मान करती है। इस चुनाव में कुछ निष्पक्ष नहीं हुआ। वहीं, आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजीव झा ने कहा कि केजरीवाल के साथ बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा हुई। बैठक में सभी नेताओं ने भविष्य की रणनीति पर चर्चा की। दिल्ली में पार्टी की मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाने और भाजपा को अपने सारे वादे पूरे करने का दबाव बनाने की रणनीति बनाई गई।
बैठक के बाद नामित किया जाएगा विपक्ष का नेता
उन्होंने कहा कि विधायक यह सुनिश्चित करेंगे कि भाजपा आप नीत सरकार द्वारा पिछले 10 वर्षों में दी गई मुफ्त सेवाओं और सुविधाओं को बंद न करे। आतिशी ने कहा कि आने वाले दिनों में आप विधायक दल की बैठक के दौरान विपक्ष के नेता को नामित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री आतिशी ने दिया इस्तीफा, एलजी ने भंग की विधानसभा
आम आदमी पार्टी की हुई करारी हार के बाद मुख्यमंत्री आतिशी ने रविवार को उपराज्यपाल एलजी वीके सक्सेना को इस्तीफा सौंप दिया। मुख्यमंत्री पद से आतिशी के इस्तीफे स्वीकार करने के बाद उपराज्यपाल ने सातवीं दिल्ली विधानसभा को भंग कर दिया। वहीं, नई सरकार के गठन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। उधर, भाजपा अभी भी आधिकारिक तौर पर सीएम के चेहरे पर बात नहीं कर रही है। प्रदेश पदाधिकारियों का कहना है कि विधान मंडल दल की बैठक में जल्द ही इसका फैसला होगा।
उपराज्यपाल कार्यालय के मुताबिक, मुख्यमंत्री आतिशी रविवार सुबह करीब 11 बजे राज निवास पहुंची। यहां उन्होंने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंपा। इस्तीफा स्वीकार करने के साथ उपराज्यपाल ने कहा कि नई सरकार के गठन तक वह बतौर कार्यवाहक सीएम काम करती रहेंगी। दूसरी तरफ एलजी ने सातवीं विधान सभा भंग करने की अधिसूचना भी जारी कर दी है।
इसके साथ दिल्ली में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। आने वाले दिनों में भाजपा विधान मंडल दल की बैठक होगी। इसमें विधान मंडल का नेता चुना जाएगा। इसकी अगुवाई में भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल एलजी से मुलाकात कर सरकार गठन की प्रस्ताव पेश करेगा। इसके बाद तयशुदा तारीख पर नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह होगा।
आतिशी ने 21 सितंबर को संभाला था पद
आतिशी ने पिछले साल 21 सितंबर को मुख्यमंत्री का पद संभाला था। आबकारी मामले में जेल गए तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनने का मौका दिया गया। वह करीब चार महीने तक दिल्ली की मुख्यमंत्री हैं। उनके नेतृत्व में आम आदमी पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनाव बुरी तरह से हार गई। दिल्ली में पिछले तीन चुनाव में पार्टी को सबसे कम केवल 22 सीटें हासिल हुईं। जबकि दिल्ली में सरकार बनाने के लिए पूर्ण बहुमत का आंकड़ा 36 का है।
इससे पहले 2013 में हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 28 सीट, 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में 70 में से 67 और 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में 70 में से 62 सीटें जीती थी। इस चुनाव में भाजपा 48 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी। भाजपा ने 70 में से 48 सीटें जीतकर 27 साल बाद सत्ता में वापसी की है। इस चुनाव में आतिशी ने कालकाजी विधानसभा सीट से भाजपा के रमेश बिधूड़ी को 3580 वोटों से हराया है। वह शुरुआती राउंड में उनसे पीछे चल रही थी। अंतिम के राउंड में वह कुछ आगे हुई और 12 राउंड के बाद कालकाजी सीट पर 52058 वोटों से जीत दर्ज की है। इस जीत के बाद उन्होंने आम आदमी पार्टी को मिली करारी हार को स्वीकार किया। साथ ही कहा कि आप कार्यकर्ताओं ने जमीनी स्तर पर कड़ी मेहनत की। वे कई मुश्किलों का सामना कर रहे लोगों तक पहुंचे। हम दिल्ली की जनता के जनादेश को स्वीकार करते हैं।
सबसे कम दिनों पर मुख्यमंत्री रहने वाली आतिशी तीसरी
दिल्ली में सबसे कम दिनों तक मुख्यमंत्री पद पर रहने वाली आतिशी तीसरी मुख्यमंत्री हैं। वह दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री भी हैं। सबसे पहले दिल्ली की महिला मुख्यमंत्री बनी सुषमा स्वराज 52 दिनों तक सीएम के पद पर रही। उन्होंने 12 अक्टूबर 1998 को सीएम पद की शपथ ली थी। विधानसभा चुनाव में भाजपा की करारी हार होने के बाद उन्हें तीन दिसंबर 1998 को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था। वहीं साल 2013 में 28 सीटों के साथ चुनाव जीतकर आई आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस की मदद से सत्ता हासिल की। उस समय अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। लेकिन किन्हीं कारणों से 48 दिनों के बाद इस्तीफा दे दिया। उन्होंने 28 दिसंबर 2013 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। वहीं 14 फरवरी 2014 को उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद आतिशी सबसे कम दिनों तक मुख्यमंत्री के पद पर रही। उन्होंने 21 सितंबर 2024 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और चुनाव में हार के बार 9 फरवरी 2025 को इस्तीफा दे दिया। वह 141 दिनों तक मुख्यमंत्री पद पर रहीं।
आतिशी तीसरी महिला मुख्यमंत्री
भाजपा सरकार में सबसे पहले सुषमा स्वराज पहली महिला मुख्यमंत्री बनी। उनके बाद कांग्रेस की सत्ता आने के बाद नई दिल्ली से विधायक बनी शीला दीक्षित दिल्ली की दूसरी महिला मुख्यमंत्री बनी। इनके बाद आम आदमी पार्टी की सरकार में आतिशी मुख्यमंत्री बनीं।