नई दिल्ली । उत्तर-पूर्वी जिले के मौजपुर में रहने वाली शिक्षिका ने मोबाइल गिराने पर 18 वर्षीय बेटी को डांट दिया। इससे खफा होकर लड़की 24 अक्तूबर, 23 को घर से लापता हो गई। परिजनों ने जाफराबाद पुलिस स्टेशन में शिकायत की। साथ ही रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ बेटी की तलाश कर रहे थे।
इसी दौरान पीड़ित परिवार के पास 28 अक्तूबर को कर्नाटक से फोन आया। फोन करने वाले ने कहा कि उनकी बेटी को उसने कर्नाटक में देखा है। फोन करने वाले ने पीड़ित परिवार से बेटी को सुरक्षित जगह रखने और वापस दिल्ली भिजवाने की एवज में मोटी रकम मांगी।
कुछ दिनों बाद पीड़ित शिक्षिका के पास अलीगढ़, यूपी से फोन आया और बेटी को लौटाने की एवज में रकम मांगी। इसके बाद फिर पीड़ित परिवार के पास दिल्ली से कॉल आई और रकम मांगी गई। दरअसल, शिक्षिका की बेटी दोस्त के पास चली गई थी और वह उसके परिवार के साथ सुरक्षित थी। ऐसे में जबरन वसूली की घटनाओं को रोकने के लिए अब पीड़ित परिजन की जानकारी जिपनेट पर नहीं डाली जाएगी।
पीड़ित परिवार तक इस तरह पहुंचते हैं जालसाज
जब कोई व्यक्ति लापता होता है तो पीड़ित परिवार इसकी शिकायत पुलिस में करता है। पुलिस गुमशुदा व्यक्ति की जानकारी ऑनलाइन जोनल इंटीग्रेटेड पुलिस नेटवर्क (जिपनेट) पर डाल देती है। ये ऑनलाइन नेटवर्क उत्तर भारत के आठ राज्यों दिल्ली, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान व पंजाब में लागू है और इन पर गुमशुदा व्यक्ति के अलावा चोरी हुए वाहन आदि की भी जानकारी डाली जाती है। जालसाज जिपनेट से गुमशुदा व्यक्ति की जानकारी व परिजनों का नंबर व पता ले लेते हैं। इसके बाद जालसाज पीड़ित परिवार को उनके व्यक्ति के मिलाने की बात कहकर वसूली करते हैं।
ऐसी घटनाओं पर हाईकोर्ट ने जताई थी चिंता
देश में पिछले कुछ महीने से जबरन वसूली की इस तरह बढ़ रही घटनाओं से हाईकोर्ट भी चिंतित है। एक तो व्यक्ति के लापता होने से पीड़ित परिवार दुखी रहता है और दूसरी जालसाज उनके साथ जबरन वसूली भी करते हैं। ऐसे में दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद एक सकुर्लर किया है। आदेश में दिल्ली पुलिस के सभी अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वह गुमशुदा व्यक्ति के साथ पीड़ित परिवार की जानकारी मोबाइल नंबर व पता आदि न दे, ताकि आरोपी जालसाज पीड़ित परिवार तक न पहुंचे और जबरन वसूली न कर पाएं। अब गुमशुदा व्यक्ति के पास पुलिस का नंबर दिया जाएगा।
थानाध्यक्ष व जांच अधिकारी का नंबर दिया जाएगा
दिल्ली पुलिस के कानून प्रभाग के पुलिस उपायुक्त हरीश एचपी. के ओर से जारी सकुर्लर में कहा गया है। यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने होंगे कि ऐसे सभी मामलों में, शिकायतकर्ता (गुमशुदा व्यक्ति के परिजन)की महत्वपूर्ण व्यक्तिगत जानकारी सार्वजनिक डोमेन में न डाली जाए और केवल थानाध्यक्ष या जांच अधिकारी के नाम और संपर्क विवरण जिपनेट पर दिखाई दें। जाहिर तौर पर, साइबर अपराधियों द्वारा इस प्रकार की जबरन वसूली कॉल की संभावना को खत्म किया जा सकेगा। इसलिए, सभी थानाध्यक्ष और जांच अधिकारी को उपरोक्त निर्देशों के बारे में जागरूक किया जाएगा और यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि शिकायतकर्ता की कोई भी व्यक्तिगत जानकारी वेबसाइट पर अपलोड न की जाए।
904 परिवारों से एक आरोपी ने की थी ठगी
दिल्ली पुलिस ने उत्तरप्रदेश के मऊ से साइबर अपराधी श्यामसुंदर चौहान को दिसंबर, 23 में गिरफ्तार किया था। दिल्ली के बुराडी में रह रहा बीसीए डिग्री होल्डर आरोपी ने इस तरह 904 परिवारों से जबरन वसूली कर
ली थी। दिल्ली पुलिस ने जबरन वसूली की घटनाओं को रोकने के लिए आदेश जारी किया है। जिपनेट पर इसको लेकर सुधार कर दिया गया है। अब सिर्फ थानाध्यक्ष व जांच अधिकारी का मोबाइल नंबर दिया जा रहा है।